इन्दौर। डायवर्सन क्या है, इसे कब और कैसे करवाया जा सकता है, डायवर्सन की फीस क्या है, सहित डायवर्सन प्रक्रिया की अधिकांश जानकारी एक क्लिक पर पायी जा सकती है। आमजन की सुविधा के लिये यह जानकारी भू-लेख पोर्टल और आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध करायी गई है। इससे अब आमजन को डायवर्सन की जानकारी और प्रक्रिया के लिये भटकना नहीं होगा। पोर्टल पर क्लिक कर उक्त जानकारियां सहजता से पायी जा सकती है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इससे आमजन को जानकारियां प्राप्त होगी। जिन भूमियों का अभी तक डायवर्सन नहीं हुआ है, उसके डायवर्सन के लिये भी लोग आगे आयेंगे। डायवर्सन कराने में लोगों को सहुलियत होगी। व्यपवर्तन के सम्बन्ध में व्यपवर्तन की सूचना, बिना सूचना, बिना सूचना व्यपवर्तन, पूर्व में किये गए व्यपवर्तन प्रकरणों की डाटा एंट्री आदि मॉड्यूल भूलेख पोर्टल एवं आर. सी. एम. एस पोर्टल पर उपलब्ध कराये गए हैं। उनके उपयोग एवं उससे सम्बंधित समस्याओं के सम्बन्ध में अनेक प्रश्न रहते हैं। इन प्रश्नों का संकलन एवं उनके विधि अनुरूप उत्तर भू-अभिलेख आयुक्त कार्यालय ग्वालियर द्वारा तैयार किये गए हैं।
कलेक्टर ने बताया कि व्यपवर्तन से सम्बंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर को भूलेख पोर्टल एवं आर. सी. एम. एस पोर्टल पर अपलोड किया गया है जो आमजन के लिये उपलब्ध है। पोर्टल में व्यपवर्तन/डायवर्सन से क्या आशय है? डायवर्सन कब एवं किस स्थिति में किया जाना चाहिए? डायवर्सन किस माध्यम द्वारा किया जा सकता हैं एवं प्रक्रिया कैसे पूर्ण की जा सकती हैं? व्यपवर्तन कराने हेतु कौन कौन से शुल्क देना होंगे? डायवर्सन हेतु जमा की जाने वाली राशि की गणना कैसे करें? डायवर्सन हेतु किस माध्यम से राशि जमा की जा सकती है? क्या डायवर्सन शुल्क में प्रीमियम एक ही बार दिया जाता हैं? क्या पूर्व से किसी एक प्रयोजन हेतु व्यपवर्तित भूमि को किसी दूसरे प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन किया जा सकता है? डायवर्सन कब किया जाना चाहिए? इसके अलावा डायवर्सन से संबंधित सभी जानकारियों के साथ-साथ व्यपवर्तन संबंधी अनेक प्रश्नों के उत्तर पोर्टल पर उपलब्ध हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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