इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : जल्दबाजी में फिर करा रहे कोविड की जांच फिर से पॉजिटिव आ रही मरीजों की रिपोर्ट

  • इंदौर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा सवा 2 हजार के

इंदौर। शहर में एक बार फिर के रूप में कोरोना (corona) पैर पसारने लगा है। प्रतिदिन मरीजों का आंकड़ा तो बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन लक्षण नहीं दिखने पर जल्दबाजी में वे अपनी जांच 4 से 5 दिनों में फिर करवा लेते हैं, जिससे उनकी दूसरी कोविड (covid) जांच फिर पॉजिटिव (positive) आ रही है। दो दिन पहले ऐसे 65 मरीज मिले थे जो रिपीट पॉजिटिव (positive) आए थे, वहीं कल हुई जांच में 35 मरीजों की रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव (positive) आई है।

भले ही मरीज बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों (doctors ) का कहना है कि इनमें ऐसे गंभीर लक्षण नहीं आ रहे हैं, जिससे उन्हें अस्पताल (hospital) में भर्ती करना पड़े या कोई आकस्मिक इलाज की आवश्यकता हो। अभी इंदौर (indore) में 2 हजार 221 एक्टिव मरीज हंै। स्वास्थ्य विभाग का कहना हैकि इनमें से करीब 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हैं और वे क्वारेंटाइन रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं। बचे हुए 5 प्रतिशत मरीज ही, जिनमें पहले से कोई ऐसी बीमारी है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें ह अस्पताल (hospital) में भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है।


डॉक्टरों (doctors) का कहना है कि कोरोना (corona) के लक्षण आने के बाद संबंधित व्यक्ति अपनी जांच करवाता है और जांच पॉजिटिव (positive) आने के बाद उसे दवाइयां (medicines) दी जाती हैं। उन्हें दवाइयां (medicines ) देकर घर पर ही आराम करने के लिए कहा जाता है और क्वारेंटाइन रहने के लिए कहा जाता है, लेकिन अधिकांश मरीज 5 से 7 दिन में ही फिर से जांच करवाने पहुंच जाते हैं, जबकि उनके शरीर में कोरोना (corona) वायरस मौजूद रहता है। ऐसे मरीजों की जांच फिर से पॉजिटिव (positive) आ जाती है। इसी साल के 7 दिनों में 121 मरीजों की जांच फिर से पॉजिटिव (positive) आई है, जिन्हें दवाइयां (medicines) लेने और होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। इनमें सर्वाधिक रिपीट पॉजिटिव (positive) रिपोर्ट 5 जनवरी को आई थी।

जल्दबाजी न करें मरीज
स्वास्थ्य विभाग के डॉ.अमित मालाकार का कहना है कि कई मरीजों में कोरोना जांच पॉजिटिव (positive) आ जाती है, यानि उनमें वाइरस होता है, लेकिन उसके लक्षण या तो नहीं के बराबर होते हैं या कम होत हैं। ऐसे लोग जल्दबाजी में फिर से जांच करवा लेते हैं, ताकि वे बता सके कि उनमें कोरेाना (corona) नहीं है और इनकी जांच फिर से पॉजिटिव (positive) आ जाती है। बेहतर हो कि वे पूरे प्रोटोकाल (protocol ) का पालन करें और डॉक्टर (doctors) की सलाह मानें।

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