नई दिल्ली। त्योहारी मौसम (festive season) में लोगों को महंगाई की मार (Effect of inflation) झेलनी पड़ रही है। बीते डेढ़ सप्ताह के अंदर सब्जियों की कीमतों (vegetables prices) में उछाल आया है। तोरई, शिमला मिर्च और बीन्स की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि सामान्य तौर पर जब मौसम बदलने (changing weather) का समय होता है तो सब्जियों की आवक कम हो जाती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। लेकिन, इस बार बारिश भी देरी तक हुई थी जिसके चलते नई फसल बर्बाद हुई। इससे नई फसल की आवक में देरी हो रही है। इन्हीं कारणों के चलते कीमतें बढ़ रही हैं। उधर, खाद्य तेलों की कीमतों (edible oils prices) में भी करीब 15 फीसदी की तेजी आई है।
आजादपुर मंडी के आढ़ती जयकिशन का कहना है कि इस बार नई फसल के आने में देरी हो रही है, जिससे बाजार के अंदर माल की उपलब्धता कम हो गई है। इन दिनों तक पंजाब, हिमाचल प्रदेश और तराई के क्षेत्र से टमाटर की आवक शुरू हो जाती थी, लेकिन बारिश होने से वहां काफी फसल बर्बाद हो गई थी। अभी मध्यप्रदेश, राजस्थान और कुछ अन्य हिस्सों से टमाटर की आवक हो रही है।
यही हाल तोरई और लौकी का है। दोनों ही सब्जियां गर्मियों के सीजन की हैं, लेकिन इनकी आवक ठंड होने तक भरपूर बनी रहती है। लेकिन, बारिश होने से फसल को नुकसान हुआ था। कीमतों में उछाल के पीछे मांग बढ़ने को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। आढ़ती राजकुमार भाटी ने बताया कि त्योहार में मांग बढ़ती है। त्योहारों पर सब्जियों की मांग होती है। गोभी, बींस, बैंगन, शिमला मिर्च, लौकी, तोरई और कद्दू जैसी सब्जियों को ज्यादा खरीदा जाता है।
एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि लौकी, तोरई, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां कम मिल पा रही हैं। जो मिल रही हैं उनकी गुणवत्ता खराब है। अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां महंगी हैं, जिसके चलते हमे भी महंगी बेचनी पड़ रही है। सब्जी पैक आती है। उसमें कुछ पहले से खराब होती हैं। कुछ बेचने के दौरान खराब हो जाती हैं, इसलिए बीते 10 दिनों के अंदर कीमतों में काफी तेजी आई है।
खाद्य तेलों के दाम बढ़े
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री हेमंत गुप्ता ने कहा कि बीते करीब तीन सप्ताह के अंदर खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 15 फीसदी की तेजी आई है। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला, हम बड़ी मात्रा में खाद्य तेल आयात करते हैं और बीते कुछ हफ्तों के दौरान रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है, जिससे आयात करने वाले व्यापारियों को ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। दूसरा, अमेरिका, मलेशिया और इंडोनेशिया में खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं, क्योंकि वहां फसल कम रहने का अनुमान है। इन सभी का कीमतों पर असर दिख रहा है।
इस तरह बढ़ी कीमतें
सब्जी एक हफ्ते पहले अब
बींस 100 120
शिमला मिर्च 80 120
तोरई 60 100
करेला 60 80
टमाटर 50 70
गोभी 55 60
खीरा 50 60
लौकी 45 60
आलू 35 40
(आंकड़े फुटकर के हैं।)
खाद्य तेल दो हफ्ते पहले अब
पॉम आयल 1450 1600
सोयाबीन तेल 1850 2100
बिनौला रिफाइंड 1900 2150
मूंगफली 2200 2500
सरसों 2250 2400
(नोट – खाद्य तेलों की कीमत 15 लीटर के डब्बे की हैं।)