नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि मुंडका में बनी अवैध बिल्डिंग में 13 मई को आग लगने के कारण 30 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. बिल्डिंग में बिना फायर एनओसी के औद्योगिक गतिविधियां चल रही थी जिसके लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) पूरी तरह से जिम्मेदार है. दमकल विभाग दिल्ली सरकार के अधीनस्थ आता है.
कांग्रेस (Congress) ने इस पूरे मामले की जांच दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की मांग की है. अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मुंडका के अग्निकांड (Mundka Fire Incident) के घटना स्थल का दौरा सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए किया और वहां जाकर पश्चिम जिले के जिला अधिकारी को जांच के लिए नियुक्ति की घोषणा करने के निर्देश दे डाले.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस अवैध बिल्डिंग में शराब के ठेके खोलने की अनुमति कैसे दे दी जबकि भाजपा शासित नॉर्थ दिल्ली नगर निगम ने अवैध शराब के ठेके को निगरानी समिति से डी-सील करवाया. अवैध बिल्डिंग को बिजली-पानी कनेक्शन कैसे मिला, यह जांच के लिए गंभीर विषय है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल सरकार के अंतर्गत जिलाधिकारी स्तर पर जांच का विरोधी करती है. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि जिला अधिकारी प्रोफेशनल तरीके से पूरे मामले की जांच करने में दिल्ली सरकार की कठपुतली के रूप में काम करेगा. दिल्ली कांग्रेस ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से इस दर्दनाक हादसे की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर फायर टेंडर आखिर डेढ़ घंटे लेट क्यों पहुंचा, जिसके प्रत्यक्षदर्शी गवाह है.
केन्द्र सरकार द्वारा एनडीआरएफ की टीम को भेजने में 7 घंटे की देरी की जांच भी होनी चाहिए. मुंडका अग्निकांड के मृतकों की अस्पताल में मौत कैसे हुई, यह भी गंभीर जांच का विषय है. बताते चलें कि मुंडका अग्निकांड मामले में नॉर्थ निगम ने अपने तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इन सभी को नॉर्थ निगम के कमिश्नर संजय गोयल के निर्देशों पर एडिशनल कमिश्नर लेवल की जांच में दोषी पाया गया है. दिल्ली सरकार की ओर से मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
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