ढाका। भारत (India) के दुश्मनों की बात आती है तो चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) का ही नाम सबसे आगे आता है। हालांकि कुछ ऐसे देश भी हैं जो कि भारत की पीठ में खंजर उतारने की ताक में रहते हैं। तुर्की (Türkiye) जिस तरह से पाकिस्तान को सपोर्ट करता है, उसपर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। वहीं बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना की सरकार (Sheikh Hasina’s government) हटने के बाद उसकी हरकतें भी भारत के खिलाफ ही नजर आती हैं। खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश के इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी को तुर्की से बड़ी फंडिंग मिल रही है। तुर्की ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि भारत के पूर्वोत्तर में आतंक फैलाया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की की खुफिया एजेंसियां बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों की पूरी मदद करने में लगी हैं। ये एजेंसियां वैचारिक स्तर पर ही नहीं बल्कि आर्थिक और सैन्य सहयोग के स्तर पर भी कट्टरपंथियों के साथ हैं। रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की की खुफिया एजेंसियों ने ढाका के मोघबाजार में जमात-ए-इस्लामी का नया दफ्तर बनवाने कि जिम्मेदारी अपने सिर ले ली। इसके लिए बड़ा फंड भी भेजा जा चुका है। दूसरी तरफ जमात के छात्र नेता सादिक कय्याम तुर्की की यात्रा कर रहे हैं। यात्रा ही नहीं उन्हें हथियारों के गोदाम और कारखानों में भी घुमाया जा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन दक्षिण एशिया के इस्लामिक संगठनों में अपनी पैठ बढ़ाना चाहते हैं। वह दक्षिण एशिया के मुसलमानों को टारगेट करते हुए कई कार्यक्रमों का भी आयोजन करवाते हैं।
इसी बीच बांग्लादेश के इन्वेस्टमेंट डिवेलपमेंट अथॉरिटी के चीफ आशिक चौधरी भी तुर्की पहुंचे थे। उन्होंने तुर्की में हथियारों के कारखाने का दौरा किया। बांग्लादेश ने सीधे तौर पर किसी सैन्य अधिकारी को तुर्की नहीं भेजा। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की में बांग्लादेश के नेशनल सिक्योरिटी ऐंड इन्फ्रॉरमेशन अडवाइजर भी क्लोज डोर मीटिंग करते हैं। इस बात की भी संभावना है कि भारत के पास म्यांमार में आराकान आर्मी को भी तुर्की का सहयोग मिल रहा हो।
भारत के लिए कितनी बड़ी चुनौती
तुर्की दक्षिण एशिया के देशों में वर्कशॉप करवाकर और स्कॉलरशिप बांटकर कट्टरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। इस्लामिक संस्थानों पर तुर्की खूब खर्च कर रहा है। वह जिहादी सोच को बढ़ावा देने में लगा है। तुर्की जिस तरह से कट्टरपंथी संगठनों को बढा़ने में लगा है उससे असम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम जैसे राज्य प्रभावित हो सकते हैं। जमात-ए- इस्लामी जैसे संगठन तुर्की से पैसा और हथियार लेकर पूर्वोत्तर में जिहादी विचारधारा को बढ़ाने का काम करेंगे। केरल में पहले से ही जमात से जुड़े एनजीओ ऐक्टिव हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की आईएसआई को भी पैसा देता है। इस तरह से तुर्की बांग्लादेश को भारत के सामने नई चुनौती बनाने की साजिश रच रहा है।
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