येरूशलम (Jerusalem) । हमास (Hamas) के साथ युद्ध (war) के बीच इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने शनिवार की रात राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेना ने गाजा में जमीनी सेना भेजकर जमीन, हवा और समुद्र से हमले बढ़ाकर हमास के खिलाफ युद्ध के दूसरे चरण की शुरुआत कर दिया है। युद्ध को इजरायल के अस्तित्व की लड़ाई बताते हुए उन्होंने चेतावनी दी है कि जमीनी आक्रमण से पहले हमला और तेज हो जाएगा। नेतन्याहू ने कहा, “ऐसे क्षण आते हैं जब एक राष्ट्र दो संभावनाओं का सामना करता है: करो या मरो। अब हम उस परीक्षा का सामना कर रहे हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसका अंत कैसे होगा। हम विजेता होंगे।” आपको बता दें कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में महात्मा गांधी ने भी करो या मरो का नारा दिया था।
इजरायली बमबारी को गाजा के लोगों ने युद्ध की सबसे भीषण बमबारी बताया है। अधिकांश संचार व्यवस्था को ठप्प कर दिया है । बड़े पैमाने पर घिरे इलाके के 23 लाख लोगों को दुनिया से काट दिया गया है। सेना ने तस्वीरें जारी कीं, जिनमें गाजा के खुले इलाकों में टैंकों की टुकड़ियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है। कई सीमा के काफी पास हैं। सेना ने कहा है कि फाइटर विमानों ने हमास की दर्जनों सुरंगों और भूमिगत बंकरों पर बमबारी की है।
7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले में पकड़े गए दर्जनों बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इजरायल सरकार पर घरेलू दबाव बढ़ गया है। आतंकवादियों ने गाजा से पास के इजरायली शहरों में हमला किया। नागरिकों और सैनिकों को मार डाला था। परिवार के हताश सदस्यों ने शनिवार को नेतन्याहू से मुलाकात की थी। इजरायल में बंद फिलिस्तीनी कैदियों के बदले अपने परिजनों की वापसी का दबाव बनाया। हमास भी लगातार यही मांग कर रहा है।
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल सभी बंधकों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जमीनी हमले से इस मिशन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रयासों की संवेदनशीलता और गोपनीयता के कारण जो कुछ भी किया जा रहा है उसका खुलासा नहीं कर सकते हैं।
युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “यह युद्ध का दूसरा चरण है, जिसके उद्देश्य स्पष्ट हैं। हमास की सैन्य और सरकारी ठिकानों को नष्ट करना और बंधकों को घर वापस लाना।” साथ ही उन्होंने कहा, ”हमारे वीर सैनिकों का एक सर्वोच्च लक्ष्य है- हत्यारे दुश्मन को नष्ट करना और अपनी जमीन पर अपना अस्तित्व सुनिश्चित करना।”
नेतन्याहू ने यह भी स्वीकार किया कि 7 अक्टूबर के हमलों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए थे। इसकी गहन जांच की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि हर किसी को सवालों का जवाब देना होगा। मैं भी इसका जवाब दूंगा।
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