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जेनरिक और ब्रांडेड दवाओं में अंतर करना होगा आसान, बदलेंगे पैकेजिंग और लेबलिंग से जुड़े नियम..

July 04, 2025

नई दिल्ली। देश के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India- DCGI) दवाओं की पैकेजिंग और लेबलिंग (Packaging and Labeling) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। इसके तहत अब दवा की पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट और अन्य जानकारियों को पढ़ना आसान हो जाएगा। इसका मकसद मरीजों को दवाओं के बारे में साफ-सुथरी और सही जानकारी देना है ताकि वे सही दवा चुन सकें। नए नियमों के बाद जेनरिक और ब्रांडेड दवाओं (Generic and branded drugs) में अंतर करना आसान हो जाएगा।


मामले से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डीसीजीआई की एक टीम इन बदलावों पर काम कर रही है और जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी है। अधिकारियों के मुताबिक, नियामक उपभोक्ताओं की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि दवाओं के पैकेट पर जानकारी बहुत छोटे अक्षरों में होती है, चमकदार लेबल से पढ़ना मुश्किल होता है, और जेनरिक व ब्रांडेड दवाओं में फर्क करना लगभग नामुमकिन है। इन सब बातों को देखते हुए यह पहल शुरू की गई है।

समिति जल्द सौपेंगी रिपोर्ट
नियामक ने प्रस्तावित नियमों की समीक्षा के लिए एक उप-समिति बनाई है, जो जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यह समिति दवाओं और सौंदर्य प्रसाधन नियम, 1945 में इन बदलावों को शामिल करने के तरीके भी देख रही है। यह नियम देश में निर्मित, आयातित और बेची जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता को नियंत्रित करता है।

अभी दवा में अंतर करना मुश्किल
वर्तमान में, अक्सर मरीज ब्रांड का नाम मांगते हैं या मेडिकल स्टोर वाले खुद महंगी दवा दे देते हैं, जबकि सस्ती जेनरिक दवा भी उपलब्ध होती है। पैकिंग में फर्क न दिखने से मरीज जानकारी के अभाव में महंगी दवा खरीद लेते हैं। खास निशान का प्रस्ताव इसी भ्रम को दूर करने के लिए लाया गया है।

दवा बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी
विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से दवा बाजार में पारदर्शिता आएगी, मरीजों का भरोसा बढ़ेगा और वे अपनी जरूरत के हिसाब से सही दवा चुन सकेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दवा बाजार ने मई 2025 में 19,720 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की, जो पिछले साल के मुकाबले 7.2% ज्यादा है। इससे साफ है कि दवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है और ऐसे में मरीजों को सही जानकारी देना बेहद जरूरी है।

प्रस्तावित बदलाव
1. बड़े अक्षरों में जानकारी: दवा कंपनियों को अब दवा के पैकेट पर समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) और बैच नंबर बड़े अक्षरों में छापना होगा, ताकि बुजुर्ग और कमजोर नजर वाले लोग भी आसानी से पढ़ सकें।
2. चमकदार पैकेजिंग पर रोक: अभी कई दवाओं की पैकेजिंग इतनी चमकदार होती है कि उस पर लिखी जानकारी पढ़ना मुश्किल हो जाता है। नए नियम के तहत ऐसी चमकदार पैकेजिंग हटाई जाएगी।
3. एक्सपायरी डेट कई जगह: दवा की स्ट्रिप या डिब्बे पर समाप्ति तिथि सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि कई जगह छापनी होगी। इससे अगर दवा निकालते समय कोई हिस्सा फट भी जाए, तो भी मरीज को जरूरी जानकारी मिल सके।
4. जेनेरिक और ब्रांडेड में फर्क: जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं में फर्क बताने के लिए अब एक खास निशान लगाया जाएगा, जिससे मरीज को पता चल सके कि दवा सस्ती जेनेरिक है या महंगी ब्रांडेड।

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