उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

जेल डीजी ने कहा, सेंट्रल जेल के आंतरिक मामले देखने आया था अब कागजी कार्रवाई करूंगा

  • खुली जेल का निर्माण स्थल देखा-साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्थाएं ठीक मिली

उज्जैन। जेल डीजी अचानक कल उज्जैन पहुँचे और भैरवगढ़ जेल में निरीक्षण करने चले गए। इसकी खबर जिला प्रशासन को भी नहीं थी। उनका कहना था कि कुछ आंतरिक मामले थे जिनकी जांच करने में आया था। अब इस मामले में कागजी कार्रवाई करूंगा। कल दोपहर में जेल के डीजी अरविंद कुमार अचानक सेंट्रल जेल भैरवगढ़ पहुंचे और कार से उतर कर जेल का दरवाजा खुलवाया और अंदर जांच के लिए पहुंच गए। उनकी इस यात्रा की जेल प्रशासन को भी भनक नहीं थी। बाद में सूचना मिलने पर जेल अधीक्षक उषा राज जेल में पहुंची और उन्हें निरीक्षण कराया। इस दौरान जेल डीजी ने रसोई में बन रहे भोजन की जाँच की तथा जेल में घूम कर व्यवस्थाएं देखी। इस संबंध में जब जेल डीजी अरविंद कुमार से अग्निबाण ने पूछा तो उनका कहना था कि जेल की कुछ आंतरिक समस्याएं थी जिन्हें में मीडिया को नहीं बता सकता क्योंकि वह गोपनीय मामला है, लेकिन इस मामले में मैंने जांच कर ली है और अब आने वाले दिनों में कागजी कार्रवाई करूंगा। जेल डीजी जेल के दौरे के बाद हनुमान मंदिर के पास जहां खुली जेल बनने वाली है, उस स्थान को देखने भी पहुंचे और खुली जेल का निर्माण जल्दी शुरू करने की बात भी कही। जेल दौरे के दौरान उनके साथ डीआईजी पुलिस अनिल सिंह कुशवाहा भी मौजूद थे।



धीमी गति से चल रही है जेल के साइबर क्राइम की जाँच
जेल के अंदर एक कैदी द्वारा कम्प्यूटर का उपयोग कर दूसरे लोगों की आईडी हैक कर करोड़ों रुपए की अफरा-तफरी की गई थी और इस मामले में कैदी को हिस्सा नहीं मिलने पर उसने आरोप लगाए थे। इस मामले में जेलर सहित अन्य कर्मचारियों पर जांच बैठाई गई और यह जांच साइबर सेल को सौंप दी गई लेकिन 6 महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक जांच का परिणाम नहीं आया है। जांच अधिकारी का कहना है कि अभी विदेश से जानकारी मंगाई जा रही है। भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में जेल अधीक्षक अलका सोनकर और जेलर संतोष लरिया के कार्यकाल में एक सजायाफ्ता मुजरिम द्वारा दूसरों की आईडी हैक कर करोड़ों रुपए की अफरा-तफरी की गई थी। मुजरिम द्वारा जब इस मामले में आरोप लगाए गए तो जेल अधीक्षक से लेकर निचले कर्मचारी भी इस मामले में घेरे में आए और जेल प्रशासन ने विभागीय जांच बैठाई है। सरकार ने इसकी जांच साइबर सेल को दी थी। 6 महीने से अधिक समय बीतने के बाद अभी तक साइबर सेल जांच जारी होने की बात कह रहा है। साइबर क्राइम एसपी वैभव पवार ने बताया कि इस मामले में विदेश से जानकारी मंगाई जा रही है और तथ्य इक_े किए जा रहे हैं। पूरी बारीकी से मामले का अध्ययन किया जा रहा है और जैसे ही इसमें कुछ परिणाम आएंगे इसे बताया जाएगा और संबंधित हो के खिलाफ कार्यवाही होगी। उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच अब धीमी चल रही है। चर्चा यह भी है कि साइबर सेल की जांच में कई बड़े नेताओं का दबाव आ रहा है इसके चलते जांच की गति धीमी है। इस मामले को पूरा दबा दिया जाएगा।

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