- इंदौर के सबसे बड़े ठगोरों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन ले रहा है पीडि़तों की शिकायतें
इंदौर। चर्चित भूमाफियाओं (famous land mafia) और जमीन के ठगोरों (land thugs) में चिराग-चम्पू (lamp-chump) का नाम भी सुर्खियों में रहा है। चम्पू तो कई महीनों से जेल में बंद है और उसका भाई नीलेश फरार है और सहयोगी चिराग भी भगोड़ा है। पुलिस-प्रशासन (police administration)ने अब फिर से फिनिक्स, कालिंदी गोल्ड, सैटेलाइट हिल्स सहित अन्य प्रोजेक्टों (projects) में की गई धोखाधड़ी की जांच शुरू करते हुए पीडि़तों से आवेदन लेना शुरू किए हैं। अजमेरा बंधुओं की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने भी अभी कड़ी टिप्पणियों के साथ खारिज कर दी और पीडि़तों को राहत के लिए एक्शन प्लान भी शासन से मांगा और मुख्य सचिव को तलब करने की बात तक कही। इसके चलते कल पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों (police-administrative officers) ने पीडि़तों की सुनवाई की प्रक्रिया फिर से शुरू की। इंदौर (indore) से लेकर दुबई तक इंदौरी नटवरलालों ने टोपी पहनाई, जिसके चलते पुलिस के साथ-साथ इंटरपोल और सीबीआई तक कई मामलों में इनको ढूंढती रही हैं।
अग्निबाण (AGNIBN) ने भी लगातार जमीनी ठगोरों के कारनामों को उजागर किया है। चिराग-चम्पू, नीलेश अजमेरा ने तो निवेशकों और खरीदारों के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी मूूर्ख बनाया और 600 करोड़ का एमओयू इन्वेस्टर समिट में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में कर लिया। फिनिक्स टाउन के नाम से किए गए इस एमओयू के आधार पर करोड़ों रुपए की उगाही भूखंड-फ्लैटों के नाम पर जनता से कर ली गई और अब सालों से ये पीडि़त शासन-प्रशासन, पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। रीतेश अजमेरा उर्फ चम्पू तो कई महीनों से जेल में बंद है और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई। उसका भाई नीलेश अजमेरा लंबे समय से फरार है और एक साथी चिराग शाह भी फिलहाल गायब ही है। कलेक्टर मनीष सिंह ने इन ठगोरों से जुड़े प्रोजेक्टों के पीडि़तों की सुनवाई कल से शुरू करवाई है। हालांकि पूर्व में भी सैकड़ों शिकायतें इनके खिलाफ तमाम थानों में दर्ज हैं। रेसीडेंसी कोठी पर फिनिक्स, एआईसीटीएसएल मुख्यालय पर सैटेलाइट हिल्स और पलासिया पुलिस कंट्रोल रूम पर कालिंदी गोल्ड के पीडि़तों की सुनवाई हुई। कैलोदहाला स्थित फिनिक्स टाउनशिप में जमकर घपले किए गए। जमीन फिनिक्स देवकॉन तर्फे चिराग के नाम दर्ज रही और नाले, बगीचे की जमीन पर भी भूखंड बेच दिए और 15 करोड़ रुपए से अधिक के विकास शुल्क की राशि भी इन ठगोरों ने हजम कर ली। इतना ही नहीं, सैटेलाइट हिल्स की जमीन पर तो बैंकों के साथ भी धोखाधड़ी की गई और 110 करोड़ रुपए का लोन बेचे गए भूखंडों पर ही हासिल कर लिया।
फिनिक्स, सैटेलाइट और कालिंदी गोल्ड के फर्जीवाड़े भी कम नहीं
इन ठगोरों ने कई प्रोजेक्टों में जनता के साथ धोखाधड़ी की। वहीं अभी कलेक्टर मनीष सिंह ने कैलोदहाला स्थित फिनिक्स वेबकॉन सोसायटी पीडि़तों का जिम्मा एसडीएम अंशुल खरे को सौंपा तो ग्राम भांग्या स्थित कालिंदी गोल्ड पीडि़तों की शिकायतें एसडीएम पराग जैन और नायता मुंडला स्थित सैटेलाइट हिल्स पीडि़तों की शिकायतें एसडीएम विशाखा देशमुख द्वारा ली जा रही हैं। चम्पू जेल में, उसकी पत्नी योगिता जमानत पर और भाई तथा भागीदार फरार हैं और सोनाली अजमेरा की जमानत याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। कल पहले दिन कई पीडि़त अपनी शिकायत लेकर पहुंचे।