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जल जीवन मिशन ने 50 फीसदी घरों में नल के पानी का कनेक्शन देकर मील का पत्थर हासिल किया


नई दिल्ली । जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) ने 50 प्रतिशत घरों में (In 50 Percentage of Households) नल के पानी के कनेक्शन देकर (By Providing Tap Water Connection) एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है (Achieves Milestone) । जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है।


गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, डी एंड एन हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी और हरियाणा ने पहले ही 100 प्रतिशत घरेलू कनेक्शन हासिल कर लिया है। पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार राज्यों में 90 प्रतिशत से अधिक कवरेज है और अधिकारी के अनुसार ‘हर घर जल’ का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।

‘ग्राम स्वराज्य’ प्राप्त करने के लिए, महात्मा गांधी का सपना, जल जीवन मिशन का उद्देश्य शुरू से ही पंचायती राज संस्थानों और समुदायों को जलापूर्ति योजनाओं में शामिल करके उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा, “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 9.59 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके परिसरों में पानी मिल रहा है। इन घरों में महिलाएं और लड़कियां अब पानी की तलाश में चिलचिलाती गर्मी, बारिश और हिमपात में लंबी दूरी तय करने के सदियों पुराने परिश्रम से मुक्त हैं।”

‘हर घर जल’ केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन द्वारा 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के पानी का कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में लागू किया गया है। 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ घरों में, यानी 17 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के पास नल के माध्यम से पीने का पानी था। 27 मई तक 108 जिले, 1,222 प्रखंड, 71,667 ग्राम पंचायत और 1,51,171 गांव ‘हर घर जल’ बन चुके हैं, जिसमें सभी ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है।

इस वर्ष, जब देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ‘वॉश प्रबुध गांव’ प्राप्त करने के लिए पीने के पानी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए देश भर में विशेष ग्राम सभाएं बुलाई जा रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत, राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को सामुदायिक जुड़ाव, पानी समितियों की क्षमता निर्माण और ओ एंड एम गतिविधियों को लागू करने में सहायता एजेंसियों (आईएसए) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।

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