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जम्मू-कश्मीर: आतंकियों ने फिर एक कश्मीरी पंडित को बनाया निशाना, गोली मारकर की हत्या

श्रीनगर: आतंकवादियों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में फिर से एक कश्मीर पंडित समुदाय के एक व्यक्ति को अपना निशाना बनाया और शोपियां जिले के चौधरी गुंड इलाके में उस पर फायररिंग कर दी. व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘शोपियां के चौधरी गुंड में एक बाग की ओर जा रहे एक नागरिक (अल्पसंख्यक) पूरन कृष्ण भट पर आतंकवादियों ने गोलियां चला दीं. उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. हमलावरों की तलाश जारी है.’

हमलावरों की पहचान करने के लिए आस पास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के शोपियां में ही आतंकियों ने अगस्त 2022 के मध्य में सेब बागान से छिपकर आम नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं. इस गोलीबारी में एक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट की मौत

हो गई थी. वहीं उनके भाई पिंटू कुमार भट घायल हो गए थे, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आतंकी संगठन KFF (कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. आतंकी संगठन का कहना था कि ये दोनों कश्मीरी पंडित भाई तिरंगा रैली में शामिल हुए थे, इसीलिए इन्हें निशाना बनाया.


जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं इस साल अप्रैल-मई से बढ़ गई हैं. बीते 12 मई को बडगाम जिले में आतंकियों ने तहसील ऑफिस में घुसकरकश्मीरी पंडित राहुल भट को गोली मार दी थी, उनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद 31 मई को कुलगाम में आतंकियों ने महिला टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह सांबा की रहने वाली थीं. उनकी हत्या कुलगाम के गोपालपोरा में की गई. इसी साल 2 जून को आतंकियों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह कुलगाम के मोहनपोरा में देहाती बैंक मे तैनात थे. सुरक्षाबलों ने टारगेट किलिंग की इन घटनाओं को अंजाम देने वाले ज्यादातर आतंकियों को ढेर कर दिया है.

आज ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत आतंकवादियों से संबंधित होने के आरोप में 5 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया. जिन 5 लोगों के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है, उनके नाम तनवीर सलीम डार, अफक अहमद वानी, इफ्तिखार अद्राबी, इरशाद अहमद खान, अब्दुल मोमिन पीर है. ये लोग नार्को-टेरर सिंडिकेट चलाने और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित संगठनों की सहायता करने के मामलों में शामिल थे.

तनवीर जम्मू-कश्मीर पुलिस में कान्स्टेबल के रूप में सेवाएं दे रहा था. अफक अहमद वानी बारामूला सेंट्रेल कोआपरेटिव बैंक में मैनेजर था और इफ्तिखार अद्राबी बीडीओ ऑफिस में प्लांटेशन सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था और बाद में विलेज लेवल वर्कर बन गया था. वहीं इरशाद अहमद खान जल शक्ति विभाग में सेवाएं दे रहा था और अब्दुल मोमिन पीर पीएचई सबडिवीजन में असिस्टेंट लाइनमैन के रूप में सेवाएं दे रहा था. आतंकी घाटी में कश्मीरी पंडितों, प्रवासियों को निशाना बनाकर यह संदेश देना चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश में सबकुछ ठीक नहीं है.

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