नई दिल्ली। कार हो या ट्रक दोनों में विंडशील्ड का इस्तेमाल होता है यहां तक कि हमें यह भी पता है कि इन दोनों ही वाहनों की जरूरत एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। इतना ही नहीं इनके विंडस्क्रीन (windscreen) को अगर ध्यान से देखा जाए तो इनको लगाने के तरीके भी बेहद अलग होते हैं । दोनों ही गाड़ियों में काफी अंतर देखने को मिलता है, लेकिन ऐसा अंतर है, जो आपको को भी कभी ना कभी जरूर सोचने को मजबूर करता होता है। दोनों ही गाड़ियों की विंडशील्ड अलग-अलग होती है।
दरअसल, कार का इस्तेमाल भी कम समय में उचित दूरी तय करने के लिए किया जाता है. समय के साथ-साथ कार की स्पीड बढ़ती जा रही है। एक समय था, जब पुलिस वाले साइकिल से कार को रोक लिया करते थे। लेकिन अब सेंकेंड में कार विमान जितनी स्पीड पकड़ लेती है.। जब कार तेज स्पीड में चलती है, तो हवा का भारी दवाब बनता है. विंडशील्ड इस दबाव कम करने में मदद करते हैं। अगर ये सीधा हो, तो आगे बढ़ने के लिए कार को ज्यादा दम लगाना पड़ेगा, लेकिन तिरछी विंडशील्ड हवा से टकरती नहीं, बल्कि ऊपर से निकल जाती है. स्पोर्ट कार में यह ज्यादा ही तिरछी होती है।
बता दें कि ट्रक को स्पीड से ज्यादा समान ले जाने पर जोर होता है, इसमें उनका स्ट्रक्चर काफी बड़ा होता है. ऐसे में अगर इसकी विंडशील्ड को तिरछा कर दिया जाए, तो ड्राइवर आसनी से आगे नहीं देख पाएंगे। ना देख पाने की स्थिति में एक्सीडेंट होने की संभावना बढ़ जाती है।
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