नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Delhi’s Patiala House Court) ने चीन से जासूसी करने के आरोपित और स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा (Freelance journalist Rajeev Sharma accused of spying) की मनी लान्ड्रिंग के मामले में दायर जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि राजीव शर्मा पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं और जांच अहम मोड़ पर है। अगर आरोपित को जमानत दी जाती है तो वो साक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। पिछले 14 जुलाई को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। राजीव शर्मा अभी न्यायिक हिरासत में हैं। पिछले 14 जुलाई को कोर्ट ने राजीव शर्मा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने राजीव शर्मा को विगत एक जुलाई को गिरफ्तार किया था। ईडी ने दिल्ली पुलिस की ओर से राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज मामले में 4 दिसंबर, 2020 को राजीव शर्मा को जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आरोपित के गिरफ्तार होने के 60 दिनों से ज्यादा बीत जाने के बावजूद चार्जशीट दाखिल नहीं की गई इसलिए आरोपित डिफॉल्ट जमानत का हकदार है।
राजीव शर्मा को 14 सितंबर, 2020 को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक राजीव शर्मा को आफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किया गया था। राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर आरोप है कि वे राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा मुहैया कराते थे। (एजेंसी, हि.स.)
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