इंदौर न्यूज़ (Indore News)

ज्यों की त्यों धरदिनी चदरिया

  • अग्निबाण विश्लेषण… अपनी चौथी पारी के भी सफल दो साल पूरे कर लेने वाले शिवराजसिंह चौहान होने के मायने

इंदौर, राजेश ज्वेल। कबीर के भजन झिनी-झिनी बिनी चदरिया की जो अंतिम पंक्ति है वह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर सार्थक नजर आती है। ज्यों की त्यों धरदिनी चदरिया की तरह ही शिवराज का व्यक्तित्व रहा है। अपनी चौथी पारी के सफल दो साल का कार्यकाल भी उन्होंने पूरा कर लिया और वे भाजपा के भी पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए जो 15 साल से अधिक समय तक सत्ता शीर्ष पर रहे और पारी अभी जारी रहेगी, क्योंकि मोदी-शाह के भी अब वे पसंदीदा मुख्यमंत्री बन चुके हैं। समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए उनकी पीड़ा जग जाहिर है और यही कारण है कि उनकी तमाम जनहितैषी योजनाएं केन्द्र से लेकर अन्य राज्यों ने भी लागू की। ऑपरेशन माफिया सख्ती से चलवाया, तो अब बुलडोजर मामा की पदवी भी उन्हें मिल गई है।

राजनेताओं की भीड़ में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कई मायनों में अलहदा- बेजोड़ हैं… चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले शिवराज 15 साल से अधिक समय तक प्रदेश के सत्ता शीर्ष पर रहने का रिकॉर्ड बना चुके है… बतौर पत्रकार कई मर्तबा शिवराज जी से मुलाकात , तीखे सवालों को पूछने का अवसर मिला.. कुछ मौकों पर तो कुछ विशेष प्रकरणों को लेकर मेरे द्वारा की गई शिकायतों और आरोपों को भी उन्होंने बिना विचलित हुए गंभीरता से सुना और उन पर एक्शन भी लिया … किसी कामयाब कथावाचक की तर्ज पर वे धाराप्रवाह बोलते हैं और उनकी यूएसपी आम आदमी से सीधा कनेक्ट होना भी है… यही कारण है कि उनकी तमाम योजनाएं समाज के अति गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों से लेकर महिला उत्थान की न सिर्फ सफल साबित हुई बल्कि केंद्र से लेकर कई राज्यों के लिए नजीर भी बनी ..ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजनों से वे उद्योगपतियों-निवेशकों को आकर्षित करने में भी सफल रहे है.


शिवराज जी का एक बड़ा गुण विनम्रता तो है ही वही समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए उनकी पीड़ा , चिंता जब-तब नजर भी आती है… हालांकि एक दौर में उनकी प्रशासनिक क्षमता को लेकर भी सवाल खड़े किये गए मगर बाद में वे ऐसे रिंग मास्टर निकले जिन्होंने योग्य अफसरों को फ्री हैंड देकर जन हितैषी योजनाओं के मैदानी अमल में भी काफी हद तक क़ामयाबी हांसिल की… दृढ़ता से ऑपरेशन माफिया चलवाकर यह संदेश भी दे दिया कि वे ऐसे तत्वों के खिलाफ वज्र से भी कठोर हो सकते हैं… अब तो समर्थकों ने उन्हें बुलडोजर मामा की पदवी भी दे डाली है …वे जगत मामा भी है यानी सबके मामा और खुद भी ये उद्धबोधन पसंद करते हैं… उन पर विरोधयिों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए मगर साबित एक भी नहीं हुए।

मोदी-शाह की पसंद भी बन गए अब शिवराज
बीते कुछ ही समय में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के भी पसंदीदा मुख्यमंत्री बन गए हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों मोदी जी ने जब शिवराज के जन्मदिन पर प्रशंसा भरा ट्वीट किया तो राजनीतिक गलियारों में उसके भी कई मायने निकाले गए और यह भी स्पष्ट हुआ कि अब शिवराज ने अपनी विकास योजनाओं और अन्य कदमों से मोदी-शाह का भरोसा भी जीत लिया है।

रिंग मास्टर की तरह प्रशासनिक क्षमता भी साबित
किस्मत के धनी तो शिवराज हैं ही, वहीं उनकी कुंडली में शत्रुहंता योग भी प्रबल है। प्रशासनिक क्षमता भी उन्होंने साबित कर दी और कडक़ रिंग मास्टर की तरह वे नौकरशाहों से योजनाओं का मैदानी अमल तो करवा ही रहे हैं, वहीं गुंडों, माफियाओं के खिलाफ उन्होंने लगातार अभियान भी जारी रखा, जिसके चलते अब वे बुलडोजर मामा के रूप में भी लोकप्रिय हो गए। चौथी बार सत्ता संभालने के दो साल पूरे कर चुके शिवराज की पारी अभी जारी है।

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