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करौली नहीं बल्कि सरौली है कानपुर के इस गांव का नाम, बाबा संतोष भदौरिया की प्रसिद्धि से हुआ नया नामकरण

कानपुर (Kanpur) । करौली बाबा संतोष भदौरिया (Karauli Baba Santosh Bhadauria) ने अपनी प्रसिद्धि के लिए सरौली गांव (Sarauli Village) का नाम बदल डाला। जिस गांव में करौली सरकार का लव-कुश आश्रम है हकीकत में उसका नाम सरौली है। यह पिपरगवां (Pipargawan) ग्राम पंचायत का गांव है जो तहसील में दर्ज है। इसे बाबा ने करौली बना दिया।

सरौली की मेन रोड पर ही बाबा ने जो बोर्ड लगवाया है उस पर सबसे ऊपर लिखा है-करौली सरकार पूर्वज मुक्ति धाम। इसके नीचे अंकित है-लव-कुश आश्रम, ग्राम करौली, कानपुर। सच्चाई यह है कि वहां आसपास भी करौली नाम का कोई गांव नहीं है। आश्रम सरौली में ही है। बाबा द्वारा जो बोर्ड लगवाया गया वह भगवा रंग में है और काफी पुराना लगता है। ऐसा देखने से ही लग रहा है कि सालों पहले बोर्ड लगवाया गया होगा। इसके बाद तो पीडब्ल्यूडी ने भी यूनीपोल लगाकर करौली सरकार आश्रम लिख दिया। ग्रामीण भी तब हतप्रभ रह जाते हैं जब आगंतुक पूछते हैं कि करौली गांव कहां है। पहले तो वह कहते थे कि यह गांव ही नहीं है मगर अब कह देते हैं कि करौली आश्रम जाना है तो उधर जाइए।


नैनीताल के बाबा नीम करोली हैं प्रसिद्ध यू-ट्यूब पर बाबा करौली सरकार आश्रम के नाम से जो वीडियो हैं उसे देखकर लोग भ्रमित हो जाते हैं। असल में नैनीताल के भवाली में दो पहाड़ियों के बीच कैंची धाम है जो सिद्ध स्थान माना जाता है।

इस धाम की स्थापना वर्ष 1960 में सुप्रसिद्ध संत नीम करोली बाबा ने की थी। 10 सितंबर 1973 को बाबा ने समाधि ले ली थी। यह धाम काठगोदाम से 37 किलोमीटर दूर है। वहां एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग समेत कई बड़ी हस्तियां भी जा चुकी हैं। डॉक्टर से विवाद के बाद प्रवेश शुल्क बंद जब तक नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ से विवाद नहीं हुआ था तब तक आश्रम में सिर्फ प्रवेश के लिए ही 1000 रुपये का शुल्क लिया जाता था। जब से डॉक्टर की पिटाई को लेकर एफआईआर हुई है तब से इस शुल्क को बंद कर दिया गया है।

करौली बाबा का दावा, डॉक्टर सिद्धार्थ को पुलिस ने पीटा था
डॉ. संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा के बाउंसरों द्वारा डॉक्टर को पीटने का मामला अभी सुलझा नहीं है। इस बीच शनिवार को बाबा ने एक और विवादित बयान दे दिया। उनका दावा है कि डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी 22 फरवरी को उनके यहां आने से पहले ही मार खा चुके थे, उन्हें पुलिस ने पीटा था।

करौली बाबा ने दावा किया कि सिद्धार्थ सुबह 755 बजे ही मार खा चुके थे। जब बाबा से पूछा गया कि जो वीडियो सामने आया उसमें डॉक्टर के कोई पट्टी नहीं बंधी थी, इसके जवाब में बाबा बोले-वह मार खाकर ऐसी जगह पड़ा हुआ था कि पूरा हिन्दुस्तान जब जानेगा तो दंग रह जाएगा। बाबा ने कहा कि उसे पुलिस ने ही मारा था। सारे राज खोलेंगे, वीडियो भी दिखाएंगे।

जनवरी 2025 से निशुल्क सेवा का दावा करौली बाबा ने कहा कि जनवरी 2025 में उनके गुरु के जन्मदिन के दिन इलाज और पीड़ितों का आश्रम में खाना-पीना सब निशुल्क होगा। यह ऐलान मैंने 7-8 माह पूर्व और उसके बाद इस 26 जनवरी को गुरु के जन्मदिन पर दोबारा किया था।

मेदांता अस्पताल 50 लाख लेता है कहा कि 10 प्रतिशत लोग ही आश्रम में पैसा देते हैं। बाबा ने कहा, देने वाला दे रहा है, हम ले रहे हैं। उसके एवज में हम टैक्स भी दे रहे हैं। मेदांता अस्पताल 50 लाख रुपये लेते हैं तब तो कोई कुछ नहीं कहता।

‘मंदिर से कोई प्रेमी-प्रेमिका भाग जाएं तो मैं क्या करूं ’
झारखंड के बुजुर्ग के आश्रम से गायब होने के सवाल पर बाबा संतोष भदौरिया ने कहा कि यह तो मंदिर है। यहां से कोई प्रेमी-प्रेमिका भाग जाएं तो मैं क्या करूं। सभी का लेखा-जोखा तो नहीं रख सकता। बाबा ने कहा कि यहां हजारों लोग रोज आते हैं। आश्रम के भीतर भी रहते हैं और बाहर भी। मैंने किसी को रोका तो है नहीं कि आप यहां से कहीं नहीं जाएंगे।

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