नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी वकीलों को फीस नहीं मिलने पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली सरकार का कर्मचारियों पर शोषण लगातार जारी है। इससे पहले गेस्ट टीचर, फिर विश्वविद्यालय के टीचर और अब सरकारी वकीलों के फीस केजरीवाल सरकार नहीं दे पा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए बार-बार गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। सरकारी वकीलों के बिल पिछले कई वर्षों से लंबित चले आ रहे हैं। इससे केजरीवाल सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं।
गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन में एक तरफ तो केजरीवाल सरकार लोगों से अपने कर्मचारियों का वेतन न काटने की अपील कर रही थी, वहीं केजरीवाल सरकार खुद अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है। कोरोना काल में जब हर कोई आर्थिक तंगी से जूझ रहा था केजरीवाल सरकार ने गेस्ट टीचर, यूनिवर्सिटी टीचर और सरकारी वकीलों को पाई-पाई के लिए मोहताज कर दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास विज्ञापन देने के लिए तो रुपये हैं, लेकिन अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के शासनकाल में हालत यह हो गई है कि कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल सरकार ही अपने कर्मचारियों के साथ ऐसा कर रही है तो निजी संस्थान में काम करने वाले कामगरों के हक के लिए क्या कदम उठा पाएगी? (एजेंसी, हि.स.)
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