तिरुवनंतपुरम । केरल (Kerala) के एक व्यक्ति ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान घर में बैठकर दुनिया भर के विश्वविद्यालयों (Universities) को तकरीबन डेढ़ सौ डिग्रियां (degrees) हासिल कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने यह डिग्रियां सिर्फ एक पाठ्यक्रम में नहीं बल्कि 145 अलग-अलग पाठ्यक्रमों में हासिल की है, वो भी 16 अलग-अलग देशों से। इसे हासिल करने में उन्होंने रोजाना 20 घंटे बिताए हैं। यह रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने के बराबर है। हां, यह कारनामा कर दिखाया है, तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) निवासी शफी विक्रमन ने।
विक्रमन का दावा है कि उन्होंने कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के दौरान 16 देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों से 145 से ज्यादा प्रमाणपत्र प्राप्त किए। विक्रमन ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान उन्हें कुछ उपलब्धि हासिल करने का जुनून था। इसके लिये उन्होंने कलम को ही अपना हथियार बनाया और लॉकडाउन में विभिन्न विश्वविद्यालयों में अलग-अलग पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अध्ययन शुरू किया और एक बाद एक डिग्रियां बटोरी। डिग्रियां हासिल करने के लिए उन्होंने अपने घर के बंद कमरे में रोजाना 20 घंटे से ज्यादा समय बिताया। विक्रमन ने कहा, ‘लॉकडाउन एक ऐसी स्थिति थी, जहां लोग बाहर निकलने में सक्षम नहीं थे, मैंने उस वक्त का उच्चतम इस्तेमाल किया और उच्च शिक्षा में कई डिग्रियां हासिल की।’
प्रतिभाशाली होना जरूरी नहीं, वक्त का बेहतर इस्तेमाल जरूरी
अपने अनुभव को साझा करते हुए, विक्रमन ने कहा कि उन्हें जो कुछ कोर्स मिले, वे शुरुआती चरण में बहुत कठिन थे, लेकिन एक के बाद एक पूरा करने के बाद, उन्होंने महसूस किया कि उनके लिए आगे जाने का एक मौका है। अध्ययन के दौरान मुझे अहसास हुआ कि इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए या तो आपको अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली होना चाहिए या पर्याप्त समय होना चाहिए, हर कोई ऐसा नहीं कर सकता।
लॉकडाउन में मुफ्त दाखिले का उठाया फायदा, कोई कीमत नहीं चुकाई
शफी ने कहा, ‘लोगों को इन पाठ्यक्रमों के लिए भी भुगतान करना पड़ता है, लेकिन मैं भाग्यशाली था कि मैंने कोई कीमत नहीं चुकाई क्योंकि लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर के ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन कोर्स में मुफ्त दाखिले की अनुमति दे रखी थी। उन्होंने कहा कि अगर यह मुफ्त नहीं होता, तो यह निश्चित था कि मैं इन पाठ्यक्रमों को पूरा नहीं कर पाता क्योंकि हम इतनी फीस नहीं दे सकते।