नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नई शिक्षा नीति (new education policy) के को लेकर गुरुवार को देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब 11 क्षेत्रीय भाषाओं में होगी. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति (new education policy) में जिस एक और बात की चर्चा है वो है एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट(Academic Bank of Credit).
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट(Academic Bank of Credit) एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जिसमें छात्रों का डेटा रखा जाएगा. इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.जिसके बाद उस कॉलेज या यूनिवर्सिटीज के छात्रों का डेटा स्टोर किया जाना शुरू हो जाएगा. इसका फायदा ये होगा कि अगर कोई छात्र पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी. साथ ही अगर कोई छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो वह भविष्य में वह फिर वहीं से पढ़ाई शुरू कर सकेगा!
नई शिक्षा नीति के तहत एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट गुरुवार से शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए देश के टॉप 290 संस्थानों में लागू हो गया. ABC का एक और फायदा ये भी है कि छात्र-छात्राएं जरूरत पड़ने पर अपना पाठ्यक्रम, विषय भी बदल सकेंगे. इसका मतलब ये होगा कि कॉमर्स पढ़ रहा छात्र अगर विज्ञान पढ़ना चाहता है तो एबीसी के तहत वह विज्ञान विषय में एडमिशन ले सकेगा.
पढ़ाई के दौरान छात्रों के खाते में क्रेडिट जमा होते रहेंगे और फिर इन्हीं क्रेडिट के आधार पर छात्रों को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी. इसका ये भी फायदा होगा कि यदि छात्र के खाते में पुराना क्रेडिट जमा हैं तो भविष्य में भी वह पढ़ाई पूरी कर सकेगा.
यूजीसी के नोटफिकेशन के अनुसार, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स की मदद से छात्र ऐसे कोर्सेज चुन सकेंगे, जो उनके लिए बेहतर हैं. उल्लेखनीय है कि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की अधिकतम सेल्फ लाइफ 7 साल होगी. इसके बाद इस योजना का लाभ छात्रों को नहीं मिलेगा. एबीसी से छात्रों को शैक्षिक ढांचे में व्यापक लचीलापन मिल जाएगा और वह अपनी रुचि के अनुसार, कोर्स या स्ट्रीम बदल सकेंगे. Share: