महाशिवरात्रि (mahashivratri) का त्योहार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानि 1 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन भोले भंडारी के भक्त देवों के देव भगवान कैलाशपति (Lord Kailashpati) को मनाने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। इसके बाद भी शिव की आराधना समय भक्तों से अनजाने में चूक भी हो जाती है, यहां तक कि कई बार भूलवश कुछ ऐसी वस्तुएं चढ़ाते हैं, जिसे शास्त्रों में निषेध माना गया है। ऐसे में जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिव की पूजा में किन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर ना चढ़ाएं तिल
शास्त्रों के मुताबिक तिल शिव की पूजा में निषेध है. तिल के बारे में मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर के मैल से हुई है. यही कारण है कि शिव की पूजा में तिल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
नारियल
शास्त्रों के मुताबिक शवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। साथ ही इसका संबंध भगवान विष्णु से भी है। शिव की पूजा में नारियल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
तुलसी के पत्ते
वैसे तो हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है, लेकिन शिव की पूजा में इसका इस्तेमाल निशेष माना गया है। शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करने से मनोकामना पूरी नहीं होती।
कुमकुम या सिंदूर
शिवलिंग पर कुमकुम या सिंदूर चढ़ाना वर्जित है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुमकुम या सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जबकि भोलेनाथ बैरागी हैं. शिवलिंग पर भस्म चढ़ाना अच्छा माना गया है।
केतकी के फूल
भगवान शिव की पूजा सिर्फ एक लोटा जल, अक्षत और बेलपत्र से की जा सकती है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।