इंदौर। छोटे-बड़े तमाम उद्योग बड़ी संख्या में इंदौर, पीथमपुर (Indore, Pithampur) और आसपास के क्षेत्रों में आ रहे हैं। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम ( Madhya Pradesh Industrial Development Corporation) का लक्ष्य है कि सालभर में लगभग 10 हजार एकड़ का लैंड बैंक (Land Bank) तैयार किया जाए, ताकि सभी तरह के निवेशकों को जमीनों (Property) का आबंटन किया जा सके। इंदौर, पीथम्पुर, रतलाम, उज्जैन, खरगोन, बुरहानपुर (Indore, Pithampur, Ratlam, Ujjain, Khargone, Burhanpur) से लेकर आसपास के सभी जिलों में लगातार नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं और पीथमपुर में भी सेक्टर 7 में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप का विकास कार्य शुरू करवाया गया है। टैक्सटाइल, फूड, फार्मा स्विटीकल्स से लेकर अन्य क्षेत्रों के कई बड़े समूह भी मध्यप्रदेश में आ रहे हैं। अभी साढ़े 300 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रस्ताव तो टैक्सटाइल यूनिट में ही जैतपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया के लिए दिए हैं, तो 50 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग प्लांट के भी मिल चुके हैं।
लघु, सुक्ष्म और मध्यम उद्यमियों के अलावा अन्य बड़े उद्योग भी लगातार निवेश के लिए रहे हैं। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने लगभग 500 एकड़ जमीन तो अविकसित ही कई बड़े उद्योगों को दी है। देपालपुर तहसील के मोहना में इन जमीनों के आबंटन के अलावा धार के जैतपुरा, भोपाल के पास और अन्य जगह पर भी ये आबंटन किए गए हैं। टैक्सटाइल के अलावा फार्मा स्विटीकल्स और फूड प्रोसेसिंग के कई बड़े उद्योगों ने ये बड़े-बड़े भूखंड हासिल किए हैं। 140 हेक्टेयर मुहाना की जमीन पर 100 करोड़ से अधिक के तो काम भी शुरू हो गए हैं। चूंकि लगातार जमीनों की मांग बनी हुई है। लिहाजा 10 हजार एकड़ का लैंड बैंक भी सालभर में तैयार कर लिया जाएगा, जो इंदौर, रतलाम, रतलाम, उज्जैन, भोपाल, होशंगाबाद, सिहोर, कटनी, बुरहानपुर, निवारी, पन्ना, दमोह, सागर सहित अन्य जिलों में रहेगा। अभफी साढ़े 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश आठ टेक्सटाइल यूनिट द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि जैतपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया में आ रही है। इसी तरह सरदारपुर तहसील के डालपुरा गांव में 50 करोड़ रुपए से अधिक की फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित हो रही है। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना के मुताबिक अधिकांश उद्यमियों को इंदौर और उसके आसपास ही जमीनें चाहिए। अभी इंदौर-उज्जैन रोड पर ही 100 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले तिरुपुर के गारमेंट उद्योग का भूमिपूजन हुआ। वहीं बेस्ट लाइफस्टाइल, केयर फिट, महिमा फाइबर्स, इनवायरो फाइबर्स सहित अन्य छोटे-बड़े उद्योग और गारमेंट से जुड़ी इंडस्ट्रियां भी आ रही है। वहीं पीथमपुर में सेक्टर 7 में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप का विकास कार्य भी शुरू करवा दिया है। साढ़े 500 करोड़ रुपए की राशि दो हजार एकड़ के मल्टी प्रोजेक्ट झोन को विकसित करने में लगाई जाएगी 25 हजार एकड़ से लेकर 10 हजार स्क्वेयर फीट तक के 425 औद्योगिक भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश अगले कुछ ही वर्षों में यहां आ जाएगा, जिससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अभी पिछले दिनों ही शासन ने नई इथेनॉल पॉलिसी भी घोषित की है, उसमें भी हजारों करोड़ रुपए का निवेश होगा। अभी चावल और मक्का से इथेनॉल बनेगा और इसका पेट्रोलियम कम्पनियां 51 से 54 रुपए प्रति लीटर इनसे खरीदेगी और डेढ़ रुपए प्रति लीटर की वित्तीय शुल्क शासन द्वारा दी जाएगी। पंजीयन शुल्क में भी 100 प्रतिशत शूट के साथ वाणिज्यिक कर उत्पादन के लिए 5 साल तक विद्युत शुल्क में भी 100 फीसदी छूट के साथ अन्य कई तरह की रियायतें दी जा रही है। शुरुआत में ही अभी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश इथेनॉल उत्पादन इकाइयों में हो जाएगा।
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