आचंलिक

उद्योगों में लेआफ का खतरा!

  • जिले के समस्त पेयजल स्त्रोत का जल संरक्षित घोषित
  • नेताओं की होगी चाँदी, खूब बिकेगा पानी

नागदा (प्रफुल्ल शुक्ला)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने जन-साधारण को घरेलू प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-3 के प्रावधानों के तहत जिले की राजस्व सीमा अन्तर्गत समस्त भूजल पेयजल स्त्रोतों के जल को तत्काल प्रभाव से संरक्षित घोषित किया है। यह आदेश 30 जून 2023 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक लागू रहेगा।


कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी करते हुए बताया है कि जिले में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा होने के उपरान्त भी खनित नलकूपों का जल स्तर नीचे जाना प्रारम्भ हो गया है। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में भूजल पेयजल स्त्रोतों का जल स्तर निरन्तर नीचे जा रहा है। ग्रीष्म ऋतु में ग्रामवासियों एवं नगरवासियों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े इसको देखते हुए यह आदेश लागू किया गया है। समस्त भूजल, पेयजल स्त्रोतों के जल को अन्य किसी प्रयोजन जैसे सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन के उपयोग हेतु निषिद्ध किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986, संशोधित अधिनियम-2002 एवं संशोधित अधिनियम-2022 के प्रावधानों के तहत सम्बन्धित को प्रथम बार पांच हजार रुपये और पश्चातवर्ती 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड या दो वर्ष के कारावास से दण्डित किया जाएगा।

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