इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इनकम टैक्स की तरह हर साल फूड रिटर्न भी दाखिल करना अनिवार्य

31 मई तक सालाना जानकारी नहीं जमा की तो रोजाना लगेगा 100 रुपए का जुर्माना, निर्माताओं, रिपैकर्स और रिलेबलर्स के लिए पिछले साल से सरकार ने किया अनिवार्य

जानकारी के अभाव में कई व्यापारियों ने भारी जुर्माना भी भरा

इंदौर, विकाससिंह राठौर। खाद्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए शासन का नया नियम नया सिरदर्द बन गया है। इनकम टैक्स (Income Tax) की ही तरह अब खाद्य व्यवसाय से जुड़े निर्माता, रिपैकर्स और रिलेबलर्स को हर साल अपना रिटर्न (Return) दाखिल करना होगा। इसमें उन्हें बताना होगा कि साल में उन्होंने कितना उत्पादन किया। इस साल इस जानकारी को जमा करने के लिए 31 मई तक का समय दिया गया है। अगर व्यापारी समय पर यह जानकारी जमा नहीं करते हैं तो उन्हें 100 रुपए प्रतिदिन की दर से जुर्माना भी भरना होगा।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) के अंतर्गत आने वाले खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा दो साल पहले ही इस व्यवस्था को देश में लागू किया गया है, लेकिन अब भी ज्यादातर व्यापारियों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह नियम सिर्फ उन व्यापारियों पर लागू है, जिनका उत्पादन 100 किलो प्रतिदिन से ज्यादा है। नियम के तहत 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच कितना उत्पादन किया गया है, इसकी जानकारी व्यापारी को एफएसएसएआई की वेबसाइट पर ही फार्म डी-1 और डी-2 के रूप में दर्ज करना है। इसमें उन्हें कितना प्रोडक्शन किया, उसकी पैकिंग साइज क्या थी और कीमत क्या थी, यह भी जानकारी दर्ज करना होगी।

डेयरी व्यवसायियों को छह माह में देना होगी जानकारी

इस नियम में जहां आम खाद्य सामग्री व्यापारियों को साल में एक बार जानकारी देना अनिवार्य किया गया है, वहीं डेयरी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को यह जानकारी साल में दो बार यानी हर छह माह में एफएसएसएआई की वेबसाइट पर फार्म डी-2 के माध्यम से देना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर व्यापारियों को 100 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना चुकाना होगा। जिसके कारण डेयरी व्यवसाय से जुड़े लोग काफी परेशान हैं।

अधिकतम जुर्माना 37500 रुपए तय

अधिकारियों का कहना है कि इस नियम की जानकारी ना होने या व्यापारियों द्वारा नजरअंदाज किए जाने की स्थिति में एफएसएसएआई द्वारा 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने के नियम के तहत कई व्यापारियों ने भारी जुर्माना भी जमा किया है। व्यापारियों की मांग पर शासन ने इसे अधिकतम 37500 रुपए तय कर दिया है ताकी समय पर जानकारी जमा ना करने की स्थिति में व्यापारी पर ज्यादा बोझ ना पड़े।

यह जानकारी शासन के लिए मददगार

एफएसएसएआई द्वारा बनाए गए इस नियम के तहत 31 मई तक सभी व्यापारियों को अपनी जानकारी देना जरूरी है। अन्यथा उन्हें 100 रुपए प्रतिदिन जुर्माना भरना होगा। इस समय प्रदेश के हजारों व्यापारियों पर करोड़ों का जुर्माना बाकी है। यह जानकारी व्यापारियों के लिए भी उपयोगी है, जिससे वे खुद भी अपने उत्पादन पर नजर रख सकते हैं। साथ ही शासन के लिए भी यह जानकारी कई मायनों में जरूरी है।
– मनीष स्वामी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की सही कैटेगरी भी पता करना आसान

एफएसएसएआई ने व्यापारियों को तीन कैटेगरी में बांटा है। अगर व्यापारी की उत्पादन सीमा 100 किलो प्रतिदिन की है तो उसे रजिस्ट्रेशन लेना होता है, जिसकी फीस 100 रुपए सालाना है। वहीं 2 हजार किलो तक प्रतिदिन की उत्पादन सीमा पर स्टेट लाइसेंस लेना होता है, जिसकी फीस 3 से 5 हजार सालाना है। वहीं 2 हजार किलो प्रतिदिन से ज्यादा उत्पादन की स्थिति में व्यापारी को सेंट्रल लाइसेंस लेना होता है, जिसकी फीस 7500 सालाना है। इस जानकारी के माध्यम से कोई भी व्यापारी अपने उत्पादन की जानकारी नहीं छुपा सकता है और स्टेट या सेंट्रल लाइसेंस में जिस कैटेगरी में वो आता है उसी में उसे लाइसेंस लेना भी जरूरी हो जाता है।

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