प्रयागराज (Prayagraj) । पुलिस हिरासत में 15 अप्रैल को हुई माफिया अतीक अहमद (ateek Ahmed) और उसके भाई अशरफ (ashraf) की हत्या के 25 दिन बाद भी लोगों के जेहन में यही सवाल है कि हत्या की वजह क्या, किसने हत्या की सुपारी दी और हत्या क्यों कराई। सनी सहित तीनों शूटर यूं ही तो हत्या नहीं किए होंगे। इन सवालों का पुलिस के पास आधिकारिक तौर पर अभी कोई जवाब नहीं है। हालांकि जांच कर रही एसआईटी (SIT) इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अतीक और अशरफ की हत्या लोन वुल्फ अटैक है। सनी ही इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। फिलहाल एसआईटी की विवेचना इसी एंगल पर चल रही है।
क्या है लोन वुल्फ अटैक
पुलिस के एक अफसर ने बताया कि लोन वुल्फ अटैक में एक आदमी इंटरनेट या किसी भी माध्यम से प्रभावित होकर खुद ही किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रचता है। वह अकेले ही वारदात को अंजाम देता है। अभी तक आतंकी संगठन से जुड़े शख्स लोन वुल्फ अटैक करते रहे हैं। अतीक अहमद हत्याकांड में भी यही हुआ। पकड़े गए सनी सिंह ने स्वीकार किया कि वह अतीक अहमद और उसके बेटे असद का आतंक टीवी पर देख रहा था। उसने असद के गोली मारने का वीडियो देखा तो उसके मन में हुआ कि वह भी इस तरह की कोई वारदात को अंजाम देकर कुख्यात बन सकता है।
सनी सिंह ने पकड़े जाने पर पुलिस को यही बयान भी दिया कि उसने कुख्यात बनने के लिए अतीक-अशरफ की हत्या की है। इसके लिए उसके पास पहले से हथियार थे। मदद के लिए उसने पुराने साथियों को गैंग में शामिल किया। डॉन के तौर पर पहचान हो इसलिए हत्या के बाद भागने के बजाए सरेंडर किया ताकि लोग उसे जानें। जांच कर रही एसआईटी पिछले 25 दिनों में तीनों शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या का किसी अन्य गैंग या संगठन से कोई कनेक्शन नहीं जोड़ सकी है। कहा जा रहा है कि पिस्टल और मोबाइल की फोरेंसिक रिपोर्ट आते ही एसआईटी इस केस में आरोप पत्र दाखिल कर चैप्टर क्लोज कर देगी।
गोरखपुर में हुआ था इसी तरह का अटैक
गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मुर्तजा नाम के युवक ने पुलिसकर्मियों पर हमला करके सनसनी फैलाई थी। विभिन्न एजेंसियों की जांच में किसी आतंकी संगठन से उसका तार नहीं जुड़ा। मामला लोन वुल्फ अटैक का सामने आया। आरोपी लोन वुल्फ अटैक का वीडियो देखने के बाद प्रभावित हुआ और अकेले ही हमला कर दिया था।