लखनऊ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Senior Congress leader Salman Khurshid) की किताब को लेकर विवाद (controversy over book) थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब लखनऊ की एक कोर्ट ने खुर्शीद की किताब सनराइज ओवर अयोध्या (‘Sunrise over Ayodhya’) को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज कर, एफआईआर (FIR) की कॉपी तीन दिन में अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने यह आदेश स्थानीय वकील शुभांशी तिवारी की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने वकील के तथ्यों को सुनने के बाद पाया कि सलमान खुर्शीद के खिलाफ अपराध का मामला बनता है।
शुभांशी तिवारी ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा था कि सलमान खुर्शीद वरिष्ठ वकील हैं। वे कई मंत्री पदों पर भी रह चुके हैं. उनकी लिखी किताब सनराइज ओवर अयोध्या में कुछ अंश हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने वाले हैं। किताब के पेज संख्या 113 के अध्याय 6 (द) में लिखा है कि भारत के जिस सनातन धर्म और मूल हिन्दूत्व की हम बात करते आए हैं, वह भारत के साधु संतो के नाम से पहचाना जाता है। आज उस पहचान को हम कट्टर हिन्दूत्व के बल पर दरकिनार कर रहे हैं। वर्तमान समय में हिन्दुत्व का एक ऐसा राजनीतिक संस्करण ला दिया गया है, जो इस्लामी जेहादी संगठनों आइएसआइएस और बोको हरम जैसा है।
शुभांशी का यह भी आरोप है कि सलमान खुर्शीद द्वारा अपनी पुस्तक के प्रचार और उसके विषय में दिए गए साक्षात्कार के समय भी हिन्दू धर्म पर घृणित टिप्पणी की. उन्होंने हिन्दुत्व की तुलना जानवर और हैवान से की गई।
शुभांशी का तर्क था कि हिन्दुत्व हिन्दू नाम का ठीक वैसे ही गुण है, जैसे मातृत्व माता नाम का गुण है, भ्रातृत्व भ्राता नाम का गुण है. राष्ट्रीयता के राष्ट्र के नाम का गुण है. पितृत्व पिता नाम का गुण है. मानवता मानव नाम का गुण है. धार्मिकता धर्म नाम का गुण है. इस प्रकार हिन्दू और हिन्दुत्व कोई अलग शब्द नहीं है।
शुभांशी का कहना है कि वह हिन्दू धर्म से हैं और हिन्दू शब्द के गुण हिन्दुत्व पर विश्वास रखती हैं. इसलिए अपने धर्म पर कुठाराघात होते देखकर वह अत्यंत ही द्रवित और मानसिक रुप से व्यथित है. उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसलिए लेखक के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही प्रतियों को जब्त करने का आदेश दिया जाए।
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