इंदौर न्यूज़ (Indore News)

मद्दे के रिश्तेदार पिपाड़ा को किया पुलिस ने तलब, चिराग कैसे छूटा इसकी भी जांच

  • उज्जैन से ट्रेन में बैठकर पहुंचा था मथुरा, अदालत से लेकर पुलिस तक पुलिसिया जमावट की, खजराना थाने में दिए फर्जी पत्र की पड़ताल भी नहीं होने दी

इंदौर (Indore)। अभी तीन दिन पहले जमीनों के सबसे बड़े डकैत दीपक जैन (Deepak Jain) उर्फ मद्दे को पुलिस ने मथुरा से पकडऩे की जानकारी दी और इंदौर लाकर उससे कुछ पूछताछ की और फिर जेल भिजवा दिया। रासुका आदेश के पालन में मद्दे की गिरफ्तारी हुई है। हालांकि जो फर्जी पत्र गृह मंत्रालय का लगाया गया उसे भी कलेक्टर कोर्ट में प्रस्तुत करना था, मगर सेटिंग के चलते खजराना थाने में इसे लगाया गया। मगर संबंधित एएसआई से लेकर अन्य किसी से कोई पूछताछ भी पुलिस ने नहीं की। अब जिस रिश्तेदार पिपाड़ा का नाम आ रहा है उसे अवश्य पूछताछ के लिए पुलिस ने नोटिस जारी किया है।

तीन बार भूमाफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री ने बड़े अभियान चलवाए और कुछ चर्चित चेहरे जेल भी पहुंचे और महीनों बाद जमानत पर छूट सके। मगर गृह निर्माण संस्थाओं से लेकर अन्य जमीनों की अफरा-तफरी के सबसे बड़े खिलाड़ी मद्दे को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाती थी और वह लगातार फरारी काटता रहा और फिर कोर्ट से जमानतें भी हासिल कर ली। यहां तक कि रासुका निरस्ती का फर्जी आदेश भी लगा दिया, जिसके चलते जमानत का लाभ मिला। मगर जब बाद में पता चला कि भोपाल स्थित गृह मंत्रालय से कोई ऐसा आदेश ही नहीं निकला है, तब मद्दे की पत्नी ने पुलिस को यह आवेदन दिया कि उक्त फर्जी पत्र उनके रतलाम स्थित रिश्तेदार पिपाड़ा ने बनवाकर लगा दिया और हमें इसमें फंसाया।


दरअसल मद्दे का उक्त रिश्तेदार पूर्व में आर्थिक मदद करता रहा है और उसे करोड़ों रुपए मद्दे से लेना भी है, जिसके चलते सूत्रों का कहना है कि उसका नाम लिया गया। हालांकि इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मद्दे के उक्त रिश्तेदार पिपाड़ा को पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं दूसरी तरफ चिराग शाह को कैसे छोड़ा उसकी भी जांच पुलिस कमीश्नर करवा रहे हैं। बाणगंगा, लसूडिय़ा सहित अन्य थानों में चिराग के खिलाफ भी कई एफआईआर हुई मगर पुलिसिया सेटिंग के चलते जमानतें उसने भी हासिल कर ली।

चम्पू, गर्ग और चिराग को प्रशासन ने थमाए अंतिम नोटिस भी
सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत चम्पू, धवन को दी थी। बावजूद इसके कालिंदी गोल्ड, सेटेलाइट हिल्स और फिनिक्स टाउनशिप के पीडि़तों को इन माफियाओं ने अभी तक भूखंड नहीं दिए। पिछले दिनों अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने हाईकोर्ट में ही यह बयान दिया कि ये लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं। अब रीतेश अजमेरा उर्फ चम्पू, कैलाशचंद्र गर्ग और चिराग शाह को प्रशासन ने एक बार फिर अंतिम नोटिस जारी किए हैं। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के नोटिस में पूछा कि पीडि़तों की समस्याओं का निराकरण उनके द्वारा कब तक किया जाएगा?

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