भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

बजट में मध्य प्रदेश को मिली सौगात, केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए मिलेंगे 1400 करोड़ रुपये

भोपाल। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश (Madhya Pradesh and Uttar Pradesh) के बुंदेलखंड (Bundelkhand) की दिशा और दशा बदलने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) के लिए केंद्रीय बजट से 1400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। देश में पहली नदी जोड़ो परियोजना करीब 45 हजार करोड़ रुपये की है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र (hectare area) से ज्यादा में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पूरे क्षेत्र में पेयजल का संकट भी खत्म होगा।

ये प्रोजेक्ट बुंदेलखंड के विकास की नई इबारत लिखने में मील का पत्थर साबित होगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इसको लेकर ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आभार जताया है। साथ ही कहा है कि इससे परियोजना को गति मिलेगी और बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि आएगी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का महत्वकांक्षी केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का काम अब जल्द धरातल पर आने के आसार बढ़ गए हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी और अब बजट में भी इस प्रोजेक्ट के लिए 1400 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना (ambitious project) से मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिलों को पानी मिलेगा, वहीं यूपी के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों में बारहमासी सूखा प्रवण क्षेत्र और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में 10.62 लाख हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।


इसके साथ ही यह परियोजना 62 लाख लोगों को पेयजल भी उपलब्ध कराएगी। इससे इस बात के संकेत मिल गए हैं कि बुंदेलखंड के एमपी और यूपी (MP and UP) के 12 जिलों को पानी देने वाली 15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना अब जल्द ही धरातल पर आकार लेने लगेगी। केन-बेतवा प्रोजेक्ट को लेकर मप्र और उप्र के बीच का विवाद इसी साल 8 मार्च को विश्व जल दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मौजूदगी में सुलझा था। इसके बाद परियोजना के लिए (एमओए) मेमोरेंडम आफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी हुए थे।

इस एमओए पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat), मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार करोड़ों रुपये की लागत वाली इस परियोजना में 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष 5-5 प्रतिशत हिस्सेदारी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश सरकारें वहन करेंगी। इससे नान मानसून सीजन यानी नंवबर से अप्रैल के बीच में मध्य प्रदेश को 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) व यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसके कारण ये प्रोजेक्ट (project) शुरू नहीं हो पा रहा था। वर्ष 2018 में यूपी की मांग पर रबी फसल के लिए 700 एमसीएम पानी देने पर सहमति बनी, बाद में केंद्र सरकार ने यूपी को 788 एमसीएम पानी देना तय कर दिया था। मगर यूपी सरकार ने जुलाई 2019 में 930 एमसीएम पानी की मांग की, जिसे देने से एमपी सरकार ने असहमति जताई थी। इसमें वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम पानी देना तय हो गया था।


जानकारी हो कि इस परियोजना में पानी के बंटवारे को लेकर वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में एमपी व यूपी दोनों प्रदेशों के बीच अनुबंध हुआ था। तब मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर (Babulal Gaur) और उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार नहीं हुई थी। अब डीपीआर तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बजट भी आवंटित हो गया है। जिससे इस प्रोजेक्ट पर तेज गति से काम शुरू हो सकेगा। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के मप्र के हिस्से में 7 बांध बनाए जाएंगे।

पहले फेज में छतरपुर जिले (Chhatarpur District) की केन नदी पर ढोड़न गांव (Dhodan Village) के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिये बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध, बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा। इस तरह से प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन (hectare of land) पर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावाट हाइड्रो पावर का उत्पादन भी होगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में 72 मेगावाट के दो बिजली प्रोजेक्ट भी बनाए जाएंगे।

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