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नौकरी घोटाले में पहली बार सामने आया ममता के भतीजे अभिषेक का नाम, ईडी ने जारी की प्रेस रिलीज

कोलकाता (Kolkata) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) के चर्चित नौकरी घोटाले (job scams) में पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) का नाम उछला है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी प्रेस रिलीज में उनका भी नाम लिखा है। स्कूल भर्ती घोटाले के मुख्य संदिग्ध सुजयकृष्ण भद्र के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए ईडी द्वारा लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों और उसकी संपत्तियों पर मंगलवार और बुधवार को बैक-टू-बैक छापेमारी की गई। इसके बाद वेबसाइट के जरिए प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। आपको बता दें कि यह छापेमारी अभिषेक बनर्जी के अमेरिका से कोलकाता लौटने के एक दिन बाद हुई है। अभिषेक अपनी बाईं आंख का इलाज कराने के लिए अमेरिका गए थे।

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, ”आरोपी सुजयकृष्ण भद्र मेसर्स लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) थे। इस कंपनी जिसका इस्तेमाल करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के लिए किया जाता था। वह अप्रैल 2012 से मार्च 2016 तक इस कंपनी में निदेशक भी रहे। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी मेसर्स लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। वह अप्रैल 2012 से जनवरी 2014 तक कंपनी में निदेशक भी थे।”


ईडी ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी सुजयकृष्ण भद्र से जुड़े कोलकाता में तीन परिसरों में 21 और 22 अगस्त को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए। ईडी की इसे प्रेस विज्ञप्ति के बाद पश्चिम बंगाली की राजनीति में घमासान मच गया है।

भारतीय जनता पार्टी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि अभिषेक बनर्जी ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। ममता बनर्जी का नाम लिए बिना भाजपा नेता ने उन्हें भाइपो (भतीजा) कहा है। उन्होंने कहा, “पूरे घोटाले के पीछे भाईपो है। उसने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। वह एजेंसी से बच नहीं सकता है। सब कुछ जल्द ही सामने आ जाएगा।”

टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर सुभेंदु अधिकारी को बचाने का आरोप लगाते हुए उनके आरोपों का जवाब दिया है। सेन ने कहा, “‘ईडी को सुभेंदु अधिकारी से तुरंत पूछताछ करनी चाहिए। 2014 में सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई की एफआईआर में उन्हें एक संदिग्ध के रूप में शामिल किया गया था।” आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2014 में सीबीआई ने सारदा जांच शुरू की थी। सुभेंदु अधिकारी उस वक्त टीएमसी में थे।

ईडी ने कहा कि नौकरी घोटाला मामले में अब तक जब्त और कुर्क की गई नकदी और संपत्ति का मूल्य 126.70 करोड़ है। इस साल 30 मई को गिरफ्तार किए गए भद्रा अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ ईडी ने 28 जुलाई को कोलकाता की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। उन्होंने कहा था, ”अभिषेक बनर्जी मेरे बॉस हैं। मैं उनकी कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स के लिए काम करता हूं। अभिषेक बनर्जी को कोई छू नहीं सकता, इसलिए एजेंसियां अन्य लोगों को निशाना बना रही हैं। इससे कोई मदद नहीं मिलेगी।”

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