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योगी की राह पर अब ममता! वाराणसी की तर्ज पर कोलकाता में भी होगी गंगा आरती

नई दिल्ली: गंगा आरती देखने वाराणसी जाने की जरूरत नहीं है. इस बार वाराणसी घाट की तर्ज पर कोलकाता में गंगा आरती होगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय नबान्न में प्रशासनिक बैठक के दौरान यह बात कहीं. मुख्यमंत्री ने इस दिन प्रशासनिक बैठक से कोलकाता नगर निगम को शहर में गंगा आरती की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

उन्होंने प्रिंसेप घाट के रख-रखाव को लेकर कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम को भी सख्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता और राज्य को सुंदर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने गंगा के सौंदर्यीकरण, हैंगिंग रेस्टोरेंट, लाइट और साउंड सिस्टम के साथ फव्वारा सहित कई प्रबंधन किए हैं.

योगी की राह पर ममता, कोलकाता में ममता ने गंगा आरती का दिया आदेश
कोलकाता के घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया था, लेकिन एकमात्र अपवाद गंगा आरती थी. ऐसा अब होने वाला है. मुख्यमंत्री का इस बात का भी ध्यान है कि इस शहर में गंगा आरती का दृश्य योगी राज्य के मुकाबले कहीं कम न हो. इसलिए उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि शहर में गंगा आरती का प्रबंधन किस तरह से होगा.


मुख्यमंत्री के शब्दों में, “मैं चाहती हूं कि यहां गंगा आरती के लिए जगह हो. उत्तर प्रदेश में, गंगा आरती देश के विभिन्न हिस्सों में की जाती है. मैं चाहती हूं कि यहां भी ऐसा हो. गंगा आरती का आयोजन ऐसी जगह करना चाहिए, जहां बैठने की जगह हो. लोग आरती देखने में जल्दबाजी नहीं करें और कोई गिरे नहीं. वहां मंदिर हो, जहां लोग सोचते हैं कि यह शांति का स्थान है, मैं कोलकाता नगर पालिका को गंगा आरती करने का निर्देश दे रही हूं.” मुख्यमंत्री ने इस प्रबंधन के लिए दो साल की समय सीमा भी तय की है.

गंगा घाटों की साफ-सफाई को लेकर अधिकारियों को लगाई फटकार
मुख्यमंत्री ने गंगा आरती के प्रबंधन के आदेश देने के साथ ही प्रिंसेप घाट का ठीक से रखरखाव नहीं करने पर मेयर फिरहाद हाकिम पर भी रोष जताया. उन्होंने कहा, “प्रिंसेप घाट की हालत बहुत खराब है,” मुख्यमंत्री ने हावड़ा से नबान्न तक प्रिंसेप घाट के साथ सड़क की सफाई पर भी रोष जताया. मुख्यमंत्री ने पूछा कि फोरसर रोड पर लाइटें ठीक से क्यों नहीं जल रही हैं, सड़क को पानी से क्यों नहीं धोया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी गुस्सा जताया कि नगर निगम, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त के कार्यालय होने के बावजूद उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मंत्री की ओर से नौकरशाहों के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, “हम खुद की आलोचना करने में लगे हैं. हमेशा नकारात्मक के बजाय सकारात्मक सोचें.मंत्री आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन नीति वही रहती है.” मुख्यमंत्री ममता ने भी सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी लोग अपने कार्यालय का काम देखें.

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