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चेकअप के बाद मनीष सिसोदिया पांच दिन की CBI रिमांड, लगाई गईं ये शर्तें

नई दिल्ली (New Delhi) ! दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Delhi’s Rouse Avenue Court) ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) को दिल्ली आबकारी घोटाला मामले (excise scam cases) में 4 मार्च तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। सिसोदिया को 4 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा। स्पेशल जज एमके नागपाल ने ये आदेश सुनाया।

जानकारी के लिए बता दें कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को सीबीआई गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की पांच दिनों की हिरासत की मांग की। सीबीआई ने कहा कि दिल्ली के आबकारी मंत्री के नाते सिसोदिया ने मंत्री समूह का नेतृत्व किया। थोक बिक्री के माडल पर कोई चर्चा नहीं हुई। तब कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आप आरोपों पर दलील रखें।



बता दें कि मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ सोमवार को 5 दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेज दिया। स्पेशल जज एमके नागपाल ने जांच एजेंसी को ‘उचित और निष्पक्ष जांच’ के लिए सिसोदिया से पूछे जा रहे सवालों के ‘वास्तविक और वैध’ जवाब प्राप्त करने की अनुमति देने का आदेश दिया।

आम आदमी पार्टी (आप) नेता को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद भारी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था, जज ने कहा कि हालांकि आरोपी इस मामले में पहले दो मौकों पर जांच में शामिल हुए हैं, लेकिन यह भी देखा गया है कि वह जांच एवं पूछताछ के दौरान किए गए अधिकतर प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि सिसोदिया अब तक की गई जांच के दौरान कथित रूप से उनके खिलाफ पाए गए आपत्तिजनक सबूतों के संबंध में उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहे हैं।

वहीं कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया के कुछ अधीनस्थों ने कुछ तथ्यों का खुलासा किया है जिन्हें उनके खिलाफ आरोप के रूप में लिया जा सकता है और उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत भी सामने आ चुके हैं। इसलिए उचित और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित एवं वैध जवाब मिलें और इसलिए इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।

जज नागपाल ने कहा कि जहां तक वरिष्ठ वकीलों द्वारा आरोपियों से जानकारी निकालने के लिए किसी भी बल या थर्ड डिग्री के तरीकों के इस्तेमाल के संबंध में व्यक्त की जा रही आशंकाओं का सवाल है। यह अदालत सीबीआई के उन अधिकारियों से ऐसी उम्मीद नहीं करती है जिन्हें उपमुख्यमंत्री और कुछ अन्य महत्वपूर्ण विभागों के उच्च पदों पर आसीन अभियुक्तों से पूछताछ करने का काम दिया गया है।” जज ने कहा कि किसी भी मामले में कुछ शर्तें लगाकर इस तरह की आशंकाओं को हमेशा दूर किया जा सकता है।

सिसोदिया की हिरासत के लिए लगाई गईं ये शर्तें

  • सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी वाले किसी स्थान पर ही पूछताछ की जाएगी और सकी फुटेज को संरक्षित किया जाएगा।
  •  जज के आदेश के मुताबिक, सिसोदिया की हर 48 घंटे में एक बार मेडिकल जांच होनी चाहिए।
  •  जज ने सिसोदिया को सीबीआई हिरासत के दौरान रोजाना शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच आधे घंटे के लिए अपने वकीलों से मिलने की इजाजत भी दी। एजेंसी के अधिकारी उनकी बातचीत नहीं सुन पाएंगे।
  •  आदेश में कहा गया है कि इसके अलावा उन्हें हर दिन 15 मिनट अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
  • मनीष सिसोदिया को उनके लिए निर्धारित कुछ दवाएं लेने की भी अनुमति होगी।

गौरतलब है कि, सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में, कोर्ट से अनुमति लेने के बाद मामले के सिलसिले में दिल्ली सरकार के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन से तिहाड़ जेल में पूछताछ की थी। जैन प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में हैं। वह आबकारी नीति मामले में आरोपी नहीं हैं।

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