उज्जैन: केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) पर अलग-अलग तरह के विकास कार्य लगातार कराए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली सड़कों का भी विकास कार्य केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार की ओर से किया जा रहा है. ओंकारेश्वर (Omkareshwar) और उज्जैन (Ujjain) को जोड़ने के लिए ओम सर्किट (Om Circuit) के नाम से एक ब्रिज (Bridge) बनाया जा रहा है.
इस ब्रिज को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पहली बार बनाया जा रहा है. एक किलोमीटर के ब्रिज को बनाने में 85 करोड़ रुपए के आसपास की लागत आ रही है. साथ ही यह देश का ऐसा पहला ब्रिज रहेगा, जो पूरी तरीके से आध्यात्मिक रूप में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से बनाया जाएगा. ब्रिज की शुरुआत में देवी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा होगी. वहीं ब्रिज की समाप्ति पर मां नर्मदा की प्रतिमा विराजित होगी.
ब्रिज के बीच में भी भगवान गणेश, सरस्वती समेत अन्य भगवानों की प्रतिमा स्थापित की जाएंगी. साथ ही इस ब्रिज को इस तरह से सजाया और संवारा जा रहा है कि इससे गुजरने वाले वाहन चालक इसके सौंदर्य को देखते रह जाएंगे. उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ को देखते हुए नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी की ओर से उज्जैन से इंदौर जाने वाले भक्तों के लिए इस ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे ओंकारेश्वर दर्शन करने के लिए भक्तों को किसी तरह की समस्या या फिर जाम की स्थिति का सामना न करना पड़े.
ब्रिज अपने आप में काफी अद्भुत और अलौकिक बनने वाला है. इस ब्रिज का निर्माण अंग्रेजों के समय इंदौर को खंडवा से जोड़ने के लिए किया था और तब से ही इस पर मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अलग-अलग तरह के विकास कार्य कराए जा चुके हैं, लेकिन अब इंदौर से खंडवा और खलघाट तक नेशनल हाईवे की ओर से एक हाईवे का निर्माण किया जा रहा है. उसी के तहत इस ब्रिज का भी अब निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके बनने के बाद इंदौर और ओंकारेश्वर 2 घंटे में पहुंचा जा सकेगा, जिसमें अभी तीन घंटे लगते हैं.
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