इंदौर। भांग माफिया के खिलाफ पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई जारी है। वहीं उसके खिलाफ कई शिकायतें भी पुलिस और प्रशासन के पास पहुंच रही हंै। ऐसी ही एक शिकायत प्रशासन के पास पहुंची है, जिसमें कहा गया है कि उसने शहर में तय दुकानों से अधिक भांग की दुकानें खोल रखी थीं। यह सब आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था। बताते हैं कि अब इसकी भी गोपनीय जांच हो रही है।
कलेक्टर ने भांग माफिया मंजूर खान और मुनक्का फैक्ट्रियों के रैकेट की कमर तोडऩे के लिए जहां पहले उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की, वहीं देवास जिले में कलेक्टर ने उसे सरपंच पद से भी बेदखल कर दिया है। मुनक्का फैक्ट्रियों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा पुलिस भी रिकार्ड खंगाल रही है कि उसके खिलाफ कहां-कहां केस दर्ज हैं, ताकि उन केसों में भी उसकी गिरफ्तारी ली जा सके।
वहीं उसे थाने में वीआईपी सुविधा देने के चक्कर में तीन पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर गई है। अब इस कार्रवाई के बाद भांग का ठेका लेने के इच्छुक ठेकेदार भी सक्रिय हो गए हैं और उसकी शिकायतें पुलिस और प्रशासन के पास पहुंच रही हैं। बताते हैं कि एक शिकायत यह भी पहुंची है कि शहर में आबकारी विभाग भांग के ठेके लेने वाले ठेकेदार को भांग, भांग घोटा और भांग मिठाई की लगभग 34 दुकानें खोलने की अनुमति देता है, लेकिन मंजूर उसने आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर तय दुकानों से भांग की चार-पांच दुकानें अधिक खोल रखी थीं। अब प्रशासन इसकी भी जांच कर रहा है।
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