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कश्मीर मुद्दे पर मसूद अजहर ने तालिबानी नेता बरादर से मांगी मदद

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद पाकिस्तानी आतंकी (Pakistani terrorists) कश्मीर घाटी(Kashmir Valley) में कब्जे का सपना देखने लगे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर (Jaish-e-Mohammed chief Maulana Masood Azhar)ने अफगानिस्तान के कंधार जाकर तालिबानी नेतृत्व से मुलाकात की है।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर अगस्त के तीसरे सप्ताह में कंधार में था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार मसूद ने कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए तालिबान से मदद मांगी है।



मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मसूद अजहर ने तालिबान के पॉलिटिकल विंग के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की है। मसूद अजहर ने कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तालिबान से मदद मांगी है। हाल ही में मसूद अजहर ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर खुशी जाहिर की थी। 16 अगस्त को ‘मंजिल की तरफ’ शीर्षक से एक नोट में मसूद ने अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीन की सफलता की तारीफ की थी।
पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश के हेडक्वॉर्टर में जैश के आतंकियों के बीच यह संदेश प्रसारित किया गया कि जैश ने तालिबान को अफगानिस्तान में जीत की बधाई दी है। तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद की विचारधारा शरिया कानून को लेकर एक जैसी है। 1999 में जेल से बाहर आने के बाद जैश का गठन करने वाला मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।

बता दें कि मसूद अजहर को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 में यात्रियों की सुरक्षा के बदले भारतीय जेल से रिहा किया गया था, जिसे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। विमान को काठमांडू से लखनऊ जाते समय हाईजैक कर लिया गया था। इसके बाद विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था, जहां उस समय तालिबान सत्ता में था। अपहृत विमान के कंधार में उतरने के तुरंत बाद, तालिबान ने यह सुनिश्चित करने के लिए एयरबस के चारों ओर एक घेरा बनाया था कि जब तक मसूद अजहर सहित अन्य आतंकवादियों को भारत सरकार द्वारा रिहा नहीं किया जाता है, तब तक वे स्थिति पर नियंत्रण रखे रहेंगे।

असल में भारत को निशाना बनाने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठनों और तालिबान के बीच की यह गठजोड़ ही इमरान खान की खुशी का राज है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि तालिबान राज में वह बेरोकटोक यहां आतंकी कैंप चला पाएगा। अफगानिस्तान सरकार को उखाड़ने में तालिबान की मदद के बदले वह भारत के खिलाफ कट्टरपंथी संगठन से सहयोग चाहता है।

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