इंदौर न्यूज़ (Indore News)

60 लाख की आबादी के मान से बनेगा अब इंदौर का मास्टर प्लान


नए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन सहित कई प्रावधान रहेंगे… शिक्षा-स्वास्थ्य के साथ हरियाली की जमीनें भी बढ़ेगी
इन्दौर। 1 जनवरी 2008 को इंदौर का मास्टर प्लान लागू किया गया, जो इस साल के अंत तक लागू रहेगा। इसके चलते अब 2031 या 35 तक के मास्टर प्लान को बनाने की तैयारी शुरू की गई है, जिसकी कल समीक्षा बैठक भी हुई। इसमें 60 लाख की आबादी के मान से प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया। वहीं नए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और हरियाली के लिए भी जमीनें बढ़ेंगी।
इंदौर का मास्टर प्लान बनाना हमेशा शासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि सबसे ज्यादा जमीनों के जादूगर यहीं पर हैं, जो अपने मन मुताबिक भू-उपयोग परिवर्तित करवाते रहे हैं। इंदौर का मास्टर प्लान-2021 यानी इस साल के अंत तक के लिए बनाया गया था, मगर अब आने वाले 10 से 15 वर्षों में होने वाले विकास और बढ़ती आबादी के मान से इसे तैयार किया जाएगा। कल दोपहर को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने जो समीक्षा बैठक ली उसमें इंदौर सहित संभाग के अन्य जिलों में तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन रखा और जनप्रतिनिधियों की राय भी ली गई। इस बैठक में प्रमुख सचिव नीतेश व्यास, आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव के अलावा कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित जनप्रतिनिधि और पूरे संभाग से आए नगर तथा ग्राम निवेश और नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद रहे। इंदौर के 2033 तक के बनाए जाने वाले मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन भी मंत्री के समक्ष दिया गया, जिसमें बताया गया कि वर्तमान मास्टर प्लान 33 लाख 66 हजार की आबादी के मान से तैयार किया गया था और वर्तमान में 35 से 40 लाख तक की आबादी इंदौर की हो चुकी है। लिहाजा अब जो नया मास्टर प्लान बनेगा उसमें 60 लाख तक की आबादी के मान से ही प्रावधान किए जाएंगे। अमृत योजना में प्रदेश के जो 34 शहर लिए गए हैं उसकी विकास योजना जीआईएस तकनीक पर बनाई जाएगी। इसमें इंदौर भी शामिल है। इंदौर के बढ़ते विस्तार के मद्देनजर अब भविष्य में इंदौर को नए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की आवश्यकता भी पड़ेगी। इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और हरियाली के लिए भी विशेष प्रावधान किए जाएंगे। मेट्रोपॉलिटन एरिया के मुताबिक भी प्लानिंग की जाएगी।
लैंड पूलिंग एक्ट की करेंगे समीक्षा
पूर्व कमलनाथ सरकार ने प्राधिकरणों के लिए लैंड पूलिंग एक्ट लागू किया है, जिसके चलते कई तरह की विसंगतियां सामने आ रही हैं। दरअसल प्राधिकरण द्वारा नकद मुआवजे के बदले किसानों और अन्य जमीन मालिकों को पहले विकसित भूखंड दिए जाते थे। अब लैंड पूलिंग एक्ट में 50 प्रतिशत अविकसित भूमि दी जाएगी, जिसके चलते सभी तरह की अनुमतियां जमीन मालिक को ही हासिल करना पड़ेंगी, जिसके कारण इंदौर विकास प्राधिकरण की योजनाओं में शामिल जमीन मालिकों को यह नया लैंड पूलिंग एक्ट पसंद नहीं आ रहा है। कल अग्निबाण प्रतिनिधि ने भी विभागीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाएगी।

Share:

Next Post

कल फिर से जल संसाधन मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं विधायक सिलावट

Sat Jan 2 , 2021
बचे कामों को पूरा करूंगा : सिलावट इन्दौर। विधायक बनने के 53 दिन बाद कल तुलसी सिलावट फिर से मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। सिलावट को वही विभाग मिलेगा या उनके विभाग में परिवर्तन किया जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जो खबरें भोपाल से आ रही हैं, उसमें उन्हें जल […]