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विवादों को निपटाने की सरल प्रक्रिया है मध्यस्थता: न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे

  • मीडियेशन जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर

आष्टा। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर के रामानंद चंद के निर्देशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा के अध्यक्ष प्रथम जिला न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे के द्वारा न्यायालय प्रांगण में मीडियेशन जागरूकता कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें श्री चौबे द्वारा मध्यस्थता के बारे में बताया कि यह झगड़ा सुलझाने की एक ऐसी प्रकिया जिसके द्वारा मध्यस्थ निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में विवाद ग्रस्त पक्षकारों को ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है जो कि सर्वमान्य होए यानी कि सर्वमान्य समझौता कराने की प्रक्रिया को मध्यस्थता कहते है। ज्यादातर मामलों में दोनों पक्ष मध्यस्थता समझौते की पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार समान रूप से मध्यस्थों की लागत वहन करते हैं।

नेशनल लोक अदालत में छूट के निर्देश
मध्यस्थता एक आसान और प्रक्रिया है विवाद कम कानूनी प्रतिनिधित्व के साथ जल्दी समाप्त हो जाते हैं और दोनों पक्षों के लिए पैसे की भी बचत होती है। एवं श्री चौबे द्वारा नालसा नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणए जबलपुर द्वारा 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक चलाए जा रहे कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण अभियान के बारे में बताया कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 39 समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22 में भी राज्यों के लिए कानून के समक्ष समानताए सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने वाली कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है। वर्ष 1987 में संसद द्वारा कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम बनाया था 09 नवंबर 1995 को लागू हुआ। इसके पश्चात श्री सुरेश कुमार चौबे द्वारा नेशनल लोक अदालत के प्रचार.प्रसार के लिए भारतीय स्टेट बैंक के प्रचार रथ वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया गया। उक्त प्रचार वाहनों द्वारा पूरी आष्टा, जावर, तहसील एवं नगर में समझौते के आधार पर राजीनामा किए जाने के लिए नागरिकों को यह प्रचार रथ जागरूक करेगें। श्री चौबे द्वारा बताया गया कि न्यायालय में लंबित प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में 12 नवंबर 2022 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में छूट के निर्देश दिए गए है।


बैंक रिकवरी के प्रकरणों में नियमानुसार छूट प्रदान की जावेगी
इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश कंचन सक्सेना, न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी, न्यायाधीश सुश्री आयुषी गुप्ता, न्यायाधीश श्रीमती शालिनी मिश्रा शुक्ला, न्यायाधीश एमएन रिजवी, मु य शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक भगत सिंहए मु य प्रबंधक कन्नौदरोड अनिल कुमार सिंह एवं मैनेजर कन्नौदरोड धनीराम टेकामए मैनेजर जावर मैनेजर कोठरी कैलाश पवार, अभिभाषक संघ के सचिव भूपेश जामलिया, निर्मल कुमार विश्वकर्मा, रामेश्वर धनगर, भूपेन्द्र सिंह राणा न्यायालयीन कर्मचारीगण मुकेश राजपूत राजेन्द्र वारंगे, मुकेश महेश्वरी, जीवन सिंह, अनिल वम,सुश्री प्रिया एदलाबादकर, अशोक थापक, मनोहर सिंह राठौर, आदि उपस्थित थे।

फ़ोटो-७२

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