वाशिंगटन (Washington)। सोशल मीडिया समूह मेटा (social media group meta) ने एलान किया है कि मई से फेसबुक (Facebook) सहित इसके सभी प्लेटफॉर्म (all its platforms ) पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) निर्मित सामग्री (Artificial Intelligence (AI) generated content) पर एक लेबल चस्पा किया जाएगा, ताकि इसकी अलग पहचान हो सके। मेटा ने यह फैसला अपने स्वतंत्र निदेशकों से मिली राय के आधार पर लिया है।
मेटा ने इस सबंध में एक वक्तव्य में कहा, हम ओवरसाइट बोर्ड के फीडबैक, जनमत सर्वेक्षणों और विशेषज्ञ परामर्शों के साथ अपनी नीति समीक्षा प्रक्रिया के आधार पर कंटेंट मे होने वाली हेरफेर, डीपफेक और झूठ-फरेब से निपटने के लिए नीतियों में बदलाव कर रहे हैं। इसके तहत एआई टूल्स का इस्तेमाल कर बनाई गई सामग्री, जैसे वीडियो, टेक्स्ट व इमेज को लेबल लगाकर अलग पहचान दी जाएगी, ताकि यूजर को पता चल सके कि यह सामग्री एआई की मदद से बनी है। इस तरह की सामग्री के लिए मेड विथ एआई लेबल लगाया जाएगा।
चुनाव में बढ़ जाता है जोखिम
मेटा के मुताबिक, एआई से बने डीपफेक वीडियो चुनाव के दौर में जोखिम बढ़ा देते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि मतदाताओं को मेटा से जुड़े सभी प्लेटफॉर्म पर भ्रमित होने से बचाया जाए।
अप्रैल से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में न्यूज टैब बंद
फेसबुक का ‘न्यूज’ टैब जल्द ही बंद हो जाएगा। यानी अब फेसबुक पर समाचारों के लिए अलग से कोई टैब या फीड नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि वह अप्रैल से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में न्यूज टैब बंद कर देगी और समाचारों के लिए कोई नया व्यापारिक समझौता नहीं करेगी। साथ ही कंपनी ने कहा कि वह भविष्य में समाचार प्रकाशकों के लिए कोई विशेष प्रोडक्ट नहीं लाएगी। अब कंपनी का विचार समाचारों पर कम जोर देने का है। यह सुविधा ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में पिछले साल बंद कर दी गई थी। ‘फेसबुक न्यूज’ टैब की शुरुआत 2019 में की गई थी। और इसमें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय को जारी किया जाता है।
दिलचस्पी कम होना भी एक कारण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक को इस प्रयोग से भारी उम्मीदें थीं, लेकिन लोग समाचार पढ़ने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। फेसबुक पर केवल तीन प्रतिशत ही समाचार होता है। फिलहाल फेसबुक शॉर्ट वीडियो समेत उस सामग्री पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसे लोग देखना चाहते हैं।
![](https://www.agniban.com/wp-content/uploads/2021/03/wagroup-join-banner.png)