इंदौर न्यूज़ (Indore News)

पेटीएम की तरह होगी मोबाइल से मीटर रीडिंग


डेढ़ महीने में सभी बिजली मीटरों पर लगेंगे क्यूआर कोड
इंदौर। बिजली कंपनी से उपभोक्ताओं ज्यादातर शिकायत एवरेज बिल आने की रहती है। इसके लिए कंपनी ने हर मीटर पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया है। इंदौर शहर में डेढ़ महीने में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जैसे ही मीटर रीडर क्यूआर कोड के सामने स्कैन करेगा तो उपभोक्ता का नाम, पता व आईवीआरएस नंबर ओपन हो जाएगा। इसके बाद वह फोटो खींचकर रीडिंग ले लेगा।
इंदौर बिजली कंपनी ने एनजीबी सॉफ्टवेयर के बाद अब एक और नई तकनीक से उपभोक्ताओं की परेशानियों को दूर करने का प्रयास शुरू कर दिया है। अब मीटर रीडर को हर हालत में उपभोक्ता के घर जाकर रीडिंग लेना होगी। इसमें टालमटोल नहीं हो पाएगी। कंपनी ने इसके लिए करीब साढ़े 6 लाख क्यूआर कोड इंदौर शहर के सभी उपभोक्ताओं के मीटर पर डेढ़ माह में लगाने का लक्ष्य पूरा करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
1 मिनट में स्क्रीन पर आ जाएगा विवरण
जिस प्रकार हम पेटीएम और मोबाइल पे चलाते हैं, दुकानों पर क्यूआर कोड स्कैन होते ही लेन-देन हो जाता है, उसी प्रकार बिजली कंपनी के नए क्यूआर कोड हर बिजली मीटर पर लगाए जाएंगे। पहले रीडर को क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, इसके बाद रीडिंग लेना होगी। यानी अब डायरी में लिखा-पढ़ी करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। सॉफ्टवेयर से 1 मिनट में सीधे रीडिंग दर्ज हो जाएगी और एवरेज रीडिंग से भी मुक्ति मिलेगी।
नई तकनीक से उपभोक्ता की शिकायत नहीं रहेगी। निचले लेवल पर कर्मचारियों को जवाबदारी के साथ काम करना होगा। कंपनी क्षेत्र के सभी उपभोक्ताओं के लिए इसे लागू किया गया है। आने वाले 2 महीनों में इंदौर, उज्जैन और खंडवा में भी मीटर पर क्यूआर कोड लगा दिए जाएंगे।
विकास नरवाल, एमडी
बिजली कंपनी के लिहाज से इंदौर बड़ा शहर है। यहां पर घरेलू, औद्योगिक और दुकानों के करीब साढ़े 6 लाख से ज्यादा कनेक्शन हैं। क्यूआर कोड से लाइन स्टाफ पर लगाम लगेगी। उपभोक्ताओं की शिकायतें कम होंगी।
कामेश श्रीवास्तव, शहर अधीक्षण यंत्री

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