भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मंत्री-अफसर प्रमोशन में फेल, मुख्यमंत्री ही निकालेंगे ‘बीच’ का रास्ता

  • 31 मार्च से पहले अधिकारी-कर्मचारियों के सम्मेलन में हो सकती है बड़ी घोषणा

रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रदेश में 9 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार ने महिला, युवा, किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी एवं अन्य वर्ग को साधने के लिए जमावट शुरू हो गई है। सरकार जल्द ही कर्मचारियों को लेकर बड़ा निर्णय कर सकती है। जिसमें 6 साल से बंद पड़ी पदोन्नति का रास्ता भी निकल सकता है। मंत्री एवं अफसरों की कमेटियां अभी तक पदोन्नति का समाधान निकालने में असफल रही हैं। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही सभी कर्मचारी एवं अधिकारी के हित में ‘बीचÓ का रास्ता निकालेंगे। संभवत: 31 मार्च 2023 से पहले राजधानी भोपाल में कर्मचारियों का बड़ा सम्मेलन हो सकता है। जिसमें पदोन्नति समेत अन्य बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग मंत्री एवं अफसर की समिति की सिफारिश पर 6 महीने पहले पदोन्नति का रास्ता निकालने वाला ड्राफ्ट शासन को भेज चुका है। साथ ही इसको लेकर कर्मचारी संगठनों से भी सुझाव बुलाए हैं। शासन स्तर अभी इसका निर्णय नहीं हुआ है। खबर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में अभी जानकारी तलब की है। वे जल्द ही इसका समाधान चाहते हैं। संभवत: निकट भविष्य में होनी वाली कैबिनेट में पदोन्नति मसले पर चर्चा हो सकती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कर्मर्चारी नेताओं से भी सीधे मुलाकात करेंगे। इसके बाद पदोन्नति मामले में बीच का रास्ता निकाला जा सकता है।


सभी को संतुष्ठ करना असंभव
पदोन्नति में आरक्षण का मामला बेशक सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन पदोन्नति पर रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट राज्य शासन को पदोन्नति नियम बनाकर रास्ता निकालने के निर्देश दे चुका है। इसके बाद मंत्री एवं अफसरों की कमेटी की बैठकों के बाद नियम तैयार किए हैं। जिन पर अभी शासन ने अंतिम मुहर नहीं लगाई है। खबर है कि इन नियमों पर सभी कर्मचारी संगठन खासकर सपाक्स और अजाक्स एकमत नहीं है। कमेटी से जुड़े अफसरों ने बताया कि सभी कर्मचारी संगठनों को संतुष्ट करते हुए पदोन्नति का नियम बनाना मौजूदा स्थिति में संभव नहीं है। ऐसे में सरकार कर्मचारियों की भलाई में पदोन्नति मामले में ‘बीचÓ का रास्ता निकाल सकती है।

नेताओं की आपसी लड़ाई से कर्मचारियों का नुकसान
कर्मचारी संगठनों की आपसी लड़ाई से लाखों कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है। हाल ही में मंत्रालय सचिवालय संघ और इससे पहले मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का पंजीयन रिस्स्त हो चुका है।

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