बड़ी खबर

लोकसभा चुनाव में उतरने से हिचक रहे मंत्री, कांग्रेस के सामने आई उम्मीदवारों के चयन की परेशानी

बंगलूरू। लोकसभा चुनाव में करीब एक महीना बचा है और कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अभी भी अपने उम्मीदवारों की तलाश में जुटी है। दरअसल, कुछ मंत्रियों और विधायकों के चुनाव लड़ने से हिचकने के कारण कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगा पा रही है। इसलिए पार्टी जीतने योग्य उम्मीदवारों की तलाश में लग गई है।

कांग्रेस को सात सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा किए 10 दिन हो चुके हैं, जबकि शेष 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया जारी है। कांग्रेस की आठ मार्च को जारी पहली सूची में किसी भी मंत्री और विधायक का नाम नहीं था।

पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कुछ मंत्रियों और विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए मनाने का प्रयास कर रहा है। क्योंकि पार्टी को कई क्षेत्रों में जीतने योग्य उम्मीदवारों की पहचान करने में समस्या आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हाल में कहा था कि पार्टी में सात से आठ मंत्रियों को मैदान में उतारने पर चर्चा चल रही है।

कहा जाता है कि कुछ मंत्री चुनाव लड़ने के बजाय अपने परिवार के सदस्यों की उम्मीदवारी के लिए जोर दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर उनके परिजनों को मैदान में उतारा गया तो इससे जनता में क्या संदेश जाएगा। हालांकि मंत्रियों या उनके परिवार के सदस्यों को उतारने पर फैसला अब अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। उनका कहना है, ‘राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को समाप्त हो गई है। रविवार को इंडिया ब्लॉक के नेताओं की जनसभा है और 19 मार्च को हमारी बैठक उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए है। 19 मार्च की रात या 20 मार्च की सुबह हमारे सभी उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।’

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस चामराजनगर से एच सी महादेवप्पा, कोलार से के एच मुनियप्पा, बेल्लारी से बी नागेंद्र, बेलगाम से सतीश जारकीहोली, बीदर से ईश्वर खांद्रे और बंगलूरू उत्तर से कृष्णा बायरे गौड़ा को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।

हालांकि, लगभग मंत्री चुनाव लड़ने से हिचकिचा रहे हैं। कुछ के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के नाम सुझाए हैं, इस आश्वासन के साथ कि वे अपनी जीत सुनिश्चित करेंगे। बताया जाता है कि गौड़ा ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते। वह 2019 में बंगलूरू उत्तर से और 2009 में बंगलूरू दक्षिण से हार गए थे। वहीं, महादेवप्पा अपने बेटे सुनील बोस के लिए चामराजनगर टिकट की मांग कर रहे हैं।

परमेश्वर, जो पहले पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष थे, ने हाल ही में कहा था, ‘वह (महादेवप्पा) कह रहे हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं और टिकट उनके बेटे को दिया जाना चाहिए। पार्टी अंतत: फैसला करेगी कि महादेवप्पा का बेटा होगा या कोई और। अगर वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं तो उन पर दबाव नहीं डाला जा सकता।’

एक अन्य वरिष्ठ मंत्री मुनियप्पा, सात बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री, जो 2019 के लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्य की राजनीति में लौटे, कहा जाता है कि उन्होंने कोलार सीट के लिए अपने दामाद शशिधर जेई को मैदान में उतारा है। इसी तरह, चिक्कोडी के लिए सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली, बेलगाम के लिए लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल हेब्बालकर, बेल्लारी के लिए नागेंद्र के भाई वेंकटेश प्रसाद और बीदर के लिए ईश्वर खांद्रे के बेटे सागर खांद्रे के नाम पर चर्चा है।

Share:

Next Post

चौराहों और गली-मोहल्लों से हटे नेताजी, अब निगम के गोदाम पहुंचे

Sun Mar 17 , 2024
1200 से ज्यादा होर्डिंग, पोस्टर-बैनर हटाए, देर रात तक चली मुहिम इंदौर। नगर निगम की 7 रिमूवल टीमों ने कल आचार संहिता लगने के बाद शहरभर में नेताओं के होर्डिंग, पोस्टर- बैनर हटाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के लिए प्रचार-प्रसार के लिए लगाए गए बड़े-बड़े फ्लैक्स भी हटा दिए हैं। करीब 1200 से ज्यादा होर्डिंग, […]