भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जल्द मिलेगा मंत्रियों का जिलों का प्रभार

  • सरकार और संगठन में चर्चा के बाद सूची की गई तैयार

भोपाल। प्रदेश में मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इस महीने जल्द ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार आवंटित कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार और संगठन के बीच चर्चा के बाद सूची तैयार कर ली गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में शिवराज सरकार बने एक साल से अधिक का समय हो गया है। अब जिलों का प्रभार मंत्रियों को देने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस हफ्ते तक इस संबंध में आदेश जारी हो जाएंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर सूची तैयार कर ली गई है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के प्रभार की जो सूची तैयार की गई है उसके अनुसार भोपाल जिले का प्रभार एक बार फिर गोपाल भार्गव को दिया जा सकता है। इसी तरह से नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को इंदौर का प्रभार दिए जाने की संभावना है। वे भी पहले इंदौर के प्रभारी रहे हैं। इसी तरह से श्रीमंत समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को ग्वालियर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को उज्जैन या जबलपुर, प्रभुराम चौधरी को विदिशा, तुलसी सिलावट को सागर, प्रद्युम्न सिंह तोमर को भिंड के अलावा श्रीमंत समर्थकों को श्योपुर, गुना, अशोकनगर, राजगढ़ और शिवपुरी का प्रभार दिए जाने की संभावना है। सूत्रों की माने तो इसको लेकर संगठन व पार्टी के बड़े नेताओं में सहमति बन चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें वरिष्ठ मंत्रियों को भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे महानगरों का प्रभार दिया जाना तय किया गया है।

दो विभागों का भी होगा वितरण
प्रभारी मंत्रियों की घोषणा के साथ ही दो विभाग पीएचई और महिला बाल विकास विभाग भी मंत्रियों को दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह दोनों विभाग वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास ही हैं। गौरतलब है कि महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी और पीएचई मंत्री एंदल सिंह कंसाना के उपचुनाव हारने से यह स्थिति बनी है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक करने की कवायद भी चल रही है। अभी स्वास्थ्य विभाग डाक्टर प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा का प्रभार विश्वास सारंग के पास है। इन दोनों विभागों के एक होने पर दोनों में से किसी एक मंत्री का विभाग बदलना तय है।

सिंधिया समर्थकों को ग्वालियर-चंबल के जिलों का प्रभार
सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य समर्थक मंत्रियों को ग्वालियर-चंबल इलाके के तहत आने वाले जिलों का प्रभार दिया जाएगा। इस मामले में हाल ही में मुख्यमंत्री की संगठन के अलावा श्रीमंत से भी चर्चा की जा चुकी है। माना जा रहा है कि प्रभार संबंधी आदेश शीघ्र ही जारी किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज मंत्रिमंडल में शुरूआती दौर में महज पांच मंत्री बनाए गए थे। इसके करीब छह माह बाद उपचुनाव से पहले दूसरे विस्तार में 19 कैबिनेट और सात राज्यमंत्री बनाए गए थे। मंत्रिमंडल में फिलहाल 30 मंत्री है। इसके बाद से ही जिलों के प्रभारी मंत्रियों की सूची का इंतजार किया जा रहा है। उपचुनाव से पहले विवाद की स्थिति से बचने के प्रयासों के तहत प्रभार देने का काम टाल दिया गया था। अब हाल ही में सरकार द्वारा नई तबादला नीति जारी की जा चुकी है। इसमें जिलों में तबादलों को लेकर कई तरह के अधिकार प्रभारी मंत्रियों को दिए गए हैं। प्रदेश में तबादले एक मई से शुरू होने जा रहे हें। इसके चलते अब मंत्रियों को जिलों का प्रभार देना जरूरी हो गया है। यही नहीं प्रभारी मंत्री न होने की वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर आमजन को भी अभी जरुरी कामों के लिए भोपाल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस वजह से जिलों से भी प्रभारी मंत्री की मांग सरकार व संगठन स्तर पर लगातार बनी हुई है। अब माना जा रहा है कि कभी भी सरकार प्रभारी मंत्रियों की सूची जारी कर सकती है।

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