उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

10वीं के 10 फीसदी से ज्यादा बच्चों को आई पूरक

  • 34 प्रतिशत विद्यार्थी ही परीक्षा पास कर पाए-आज 12वीं के परिणामों की होगी समीक्षा

उज्जैन। मंगलवार को हाईस्कूल परीक्षा परिणाम को लेकर समीक्षा बैठक हुई थी। इस साल 10वीं कक्षा में जिले का रिजल्ट बिगडऩे के कारणों पर बैठक में कई तर्क दिए गए। इस वर्ष 10वीं कक्षा में केवल 34 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास हो पाए, जबकि 10 फीसदी से ज्यादा बच्चों को पूरक आई। आज 12वीं कक्षा के परिणामों की समीक्षा बैठक होगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल बोर्ड की परीक्षाएँ नहीं हुई थी लेकिन इस साल हालात सामान्य होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएँ आयोजित की थी। उल्लेखनीय है कि इस बार दोनों परीक्षाओं में जिले में विद्यार्थियों का परफार्मेन्स निराशाजनक रहा है। 10वीं कक्षा में इस बार जिले के कुल 203 शासकीय स्कूलों में 12 हजार 504 विद्यार्थियों ने परीक्षा में बैठने के आवेदन दिए थे। इनमें से 12 हजार 33 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।



इनमें से मात्र 4 हजार 102 विद्यार्थी ही 10वीं की परीक्षा पास कर पाए, जबकि 6 हजार 720 विद्यार्थी फेल हो गए। इतना ही नहीं 1266 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री भी आ गई जो कुल विद्यार्थियों की संख्या का 10 प्रतिशत से भी ज्यादा है। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कल आयोजित इस बैठक में प्राचार्यों से 10वीं कक्षा के कमजोर परिणामों के बारे में पूछा था, जिसमें कुछ प्राचार्यों ने कहा कि कोरोना काल को देखते हुए विद्यार्थी सोच रहे थे कि इस बार भी उन्हें बगैर परीक्षा दिए पास कर दिया जाएगा अर्थात जनरल प्रमोशन मिल जाएगा। कुछ प्राचार्यों ने समीक्षा में कहा कि शिक्षकों की ड्यूटी टीकाकरण में तथा उसके पहले सीरो सर्वे और अन्य कार्यों में लगा दी गई थी। यह भी परीक्षा परिणाम को प्रभावित करने का एक कारण रहा होगा। कल हुई बैठक में जिले के 97 प्राचार्य अनुपस्थित रहे जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।

आज होगा 12वीं के परिणामों पर मंथन
कल की तरह आज भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की समीक्षा बैठक बुलाई गई है। उल्लेखनीय है कि इस साल बोर्ड की परीक्षाओं में उज्जैन जिले में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 46.15 प्रतिशत रहा है, जबकि 12वीं कक्षा का परिणाम 64.15 प्रतिशत रहा है। यह परिणाम साल 2020 के मुकाबले क्रमश: 25 तथा 10 प्रतिशत कम है। आज 12वीं कक्षा के खराब परिणाम को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्यों से विचार मंथन करेंगे।

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