उज्जैन। करीब चार साल पहले तक शहर में सीएनजी गैस से चलने वाले वाहनों में अधिकांश ऑटो तथा मैजिक वाहन ही चल रहे थे। इसके अलावा नगर निगम ने सीएनजी सिटी बसें भी चलाई थी। इसके अलावा पिछले एक साल में सीएनजी से चलने वाले अन्य छोटे-बड़े वाहन भी शहर में बढ़ गए हैं और उनकी संख्या लगभग 3 हजार तक पहुँच गई है।
अवंतिका गैस लिमिटेड उज्जैन के मार्केटिंग मैनेजर सुमित सिंह ने बताया कि पूरे उज्जैन शहर में अभी रसोई गैस पीएनजी के कनेक्शन लगभग 40 हजार लग चुके हैं और लगभग 10 हजार कनेक्शन प्रति वर्ष लगाने का लक्ष्य है पुराने उज्जैन शहर जहाँ बहुत सकरी सड़कें हैं वहां पीएनजी पाइपलाइन नहीं लग पाई है। एलपीजी सिलेंडर 14 किलो गैस क्षमता की कीमत 862 हो गई है। जबकि रसोई गैस में 1 सिलेंडर एलपीजी के मुकाबले सीएनजी सस्ती पड़ती है। रसोई गैस एलपीजी के सिलेंडर खत्म होने पर बुकिंग कराने पर एक या 2 दिन में मिल पाती है, वहीं अब सब्सिडी भी सरकार ने खत्म कर दी है एवं रसोई में उपयोग करते समय सिलेंडर फटने से दुर्घटना होना संभव है, वहीं पीएनजी का कनेक्शन मात्र 500 में किया जाता है एवं 6000 की रिफंडेबल डिपाजिट राशि किस्तों में ली जाती है, पीएनजी हवा से हल्की होने के चलते लीकेज होने पर वातावरण के ऊपरी हिस्से में इक_ा होने के कारण दुर्घटना की संभावना नहीं के बराबर होती है एवं सेफ्टी रेगुलेटर लगा होने के कारण रिसाव की स्थिति में गैस की सप्लाई को रोक देता है एवं पीएनजी कनेक्शन लगाने के बाद गैस खत्म होने और सिलेंडर लेने के झंझट से ग्राहक को राहत मिलती है ग्राहकों की सुविधा के लिए पीएनजी खपत का बिल प्रति 2 माह में लिया जाता है। इधर पेट्रोल और डीजल की महंगाई के बाद पीएनजी से चलने वालों में बड़े चार पहिया वाहनों में ऑटो और मैजिक वाहनों के अलावा कार से लेकर ट्रक तक लगभग 3 हजार वाहन उज्जैन में बढ़ गए हैं। इनमें मारूति और हुंडई कंपनी के सीएनजी से चलने वाले वाहन अधिक हैं। इधर शहर में अभी भी वायु प्रदूषण का स्तर 200 एक्यूआई के पार हो रहा है। आज सुबह 10 बजे तक महाकाल, आगर रोड़ और चामुण्डा चौराहा क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता का स्तर 153 एक्यूआई तक पहुंच गया था। शाम तक यह 200 के पार जा रहा है।
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