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MP: कांग्रेसी दिग्गजों को घेरने में जुटी भाजपा, स्थानीय नेताओं पर लगाएगी दांव

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (Madhya Pradesh Assembly Elections) में भाजपा नेतृत्व (BJP leadership) कांग्रेस के प्रमुख नेताओं (Congress Major leaders) को घेरने के लिए स्थानीय मजबूत व युवा नेताओं को वरीयता देगी। इससे पार्टी इन नेताओं के खिलाफ उनके क्षेत्र में ही सत्त्ता विरोधी वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) के खिलाफ विवेक कुमार साहू उर्फ बंटी (Vivek Kumar Sahu alias Bunty) और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Leader of Opposition Govind Singh) के खिलाफ अंबरीष शर्मा उर्फ गुड्डू (Ambrish Sharma alias Guddu) को उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत हैं।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने बुधवार रात को प्रदेश की लगभग 50 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, लगभग 40 सीटों पर एक नाम तय कर लिया गया है। इनमें छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ विवेक साहू, लहार में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के खिलाफ अंबरीष शर्मा के नाम पर सहमति बनने के संकेत हैं। ग्वालियर दक्षिण से नारायण सिंह कुशवाहा, डबरा से इमरती देवी व मुरैना से रघुराज कंसाना को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा, थांदला से कल सिंह, देपालपुर से मनोज पटेल, राजनगर से अरविंद पटेरिया, भितरवार से मोहन सिंह राठौर, देवरी से बृज बिहारी पटेरिया का नाम सामने आया है।


दूसरी सूची जल्द जारी होने की संभावना
भाजपा नेतृत्व अभी बी श्रेणी यानी हारी हुई सीटों के लिए पहले उम्मीदवार तय कर रही है। इसके पहले केंद्रीय चुनाव समिति ऐसी मध्य प्रदेश की 39 व छत्तीसगढ़ की 21 सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर चुकी है। बुधवार की बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए भी नाम तय होने थे, लेकिन वहां के नेता गुरुवार को राज्य में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम होने से चुनाव समिति की बैठक के पहले ही रवाना हो गए थे। उम्मीदवारों की दूसरी सूची जल्द जारी होने की संभावना है। हालांकि पहली सूची के बाद उम्मीदवारों के विरोध व कार्यकर्ताओं के एक वर्ग का नाराजगी भी सामने आई है, जिसे देखते हुए पार्टी सतर्कता भी बरत रही है।

सामाजिक समीकरणों का ध्यान
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व हारी हुई सीटों पर सत्ता विरोधी माहौल (स्थानीय विधायक के खिलाफ) के साथ सामाजिक समीकरणों को भी ध्यान में रख रही है। कोशिश नए व युवा चेहरे को देने की है, लेकिन वरिष्ठ व अनुभवी व सामाजिक दृष्टि से मजबूत नेताओं को भी उतारा जा रहा है। पहली सूची में यह देखने को मिला है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के बारे में प्रधानमंत्री मोदी की भी अपनी समझ मजबूत रही है। वह खुद भी हर सीटों को बारीकी से देख रहे हैं।

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