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मप्रः सात लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए सीजीएसटी अधिकारी छह दिनों की रिमांड पर

– घूसखोर अधिकारियों के ठिकानों से 83.26 लाख रुपये बरामद

भोपाल (Bhopal)। सीबीआई (CBI) ने जबलपुर (Jabalpur) में मंगलवार देर शाम सात लाख रुपये की रिश्वत (seven lakh rupees bribe) लेते रंगे हाथों पकड़े गए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (जीएसटी) अधीक्षक कपिल कांबले (GST Superintendent Kapil Kamble) और उनकी टीम के चार अन्य अधिकारियों को बुधवार शाम सीबीआई की कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। कोर्ट ने पांचों आरोपितों को छह दिनों की रिमांड पर 20 जून तक सीबीआई को सौंप दिया है।

सीजीएसटी अधीक्षक कांबले और उनके साथी अधीक्षक सौमेन गोस्वामी, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी और वीरेंद्र जैन को सीबीआई की जबलपुर टीम ने मंगलवार शाम दफ्तर में ही सात लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। इन अफसरों ने 18 मई को दमोह के नोहटा की एक पान मसाला फैक्ट्री को छापा मार कर सीज कर दिया था। फैक्ट्री राजस्थान के दौसा निवासी त्रिलोकचंद सेन की है। इसे रिलीज करने की एवज में एक करोड़ रुपये मांगे गए थे। इसी घूस की आखिरी किश्त के रूप में जब ये लोग सीजीएसटी दफ्तर में सात लाख रुपये ले रहे थे, तभी सीबीआई ने दबिश देकर इन्हें दबोच लिया था। इसके बाद सीबीआई ने इन अधिकारियों के घरों में छापामार कार्रवाई की, जहां से करीब 83 लाख रुपये भी बरामद हुए।


जांच में पता चला कि जीएसटी के अफसर वाट्सअप कॉल के जरिए रिश्वत की सौदेबाजी किया करते थे। शिकायतकर्ता से भी वाट्सएप कॉल के जरिए ही पैसे की मांग हुई थी। शिकायतकर्ता ने वाट्सअप काल की रिकार्डिंग कर सबूत के तौर सीबीआई को दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने भी अपने स्तर पर बातचीत की रिकार्डिंग की और छापेमारी की योजना बनाई।

सीबीआई ने बुधवार को मामले में अधीक्षक कपिल कांबले, अधीक्षक सौमेन गोस्वामी, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी, वीरेंद्र जैन को सीबीआई कोर्ट में पेश किया, जहां सीबीआई के आवेदन पर पूछताछ के लिए इनको छह दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। अब आरोपितों को 20 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

यह है मामला
मामला नोहटा स्थित गोपन तंबाकू प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। कंपनी के मैनेजर भागीरथ राय और गिरिराज विजय ने सीबीआई जबलपुर के एसपी रिचपाल सिंह से शिकायत की थी कि फैक्ट्री दोबारा खोलने की परमिशन लेने के लिए तीन जून को उनकी कांबले से बात हुई थी। तब उन्होंने कारखाना परिसर का रिलीज ऑर्डर जारी करने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। बाद में 35 लाख में सौदा तय हुआ था। वह 25 लाख रुपये कांबले ले चुका था और शेष राशि का भुगतान करने के लिए कुछ मोहलत मांगी थी। 10 जून की रात कांबले ने गिरिराज को वॉट्सएप कॉल करके बकाया 10 लाख का तुरंत भुगतान करने को कहा था। रकम न देने पर मशीनरी की नीलामी करने की चेतावनी दी थी। भागीरथ और गिरिराज के आग्रह पर रियायत कर सात लाख का भुगतान करने को कहा गया था।

जबलपुर सीजीएसटी दफ्तर में सीबीआई की कार्रवाई मंगलवार शाम से लेकर बुधवार तड़के तीन बजे तक चली। 10 घंटे की जांच में टीम ने पाया कि कांबले था तो सुपरिटेंडेंट लेकिन पूरे ऑफिस में इसका रुतबा डिप्टी कमिश्नर से कम नहीं था। सीबीआई को कांबले के रांझी स्थित घर से तीन लाख रुपये, इंस्पेक्टर प्रदीप हजारी के घर से 41 लाख, उसके ऑफिस केबिन से 16.88 लाख रुपये बरामद हुए। इंस्पेक्टर विकास गुप्ता के घर से 18.29 लाख रुपये, उसके ऑफिस केबिन से 1.50 लाख रुपये मिले हैं। इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन के ऑफिस केबिन से 2.60 लाख रुपये मिले हैं। सौमेन गोस्वामी सिविल लाइन में, प्रदीप हजारी अधारताल, विकास गुप्ता गढ़ा और वीरेंद्र जैन राईट टाउन में रहते हैं।

त्रिलोकचंद सेन ने बताया कि उन्हें सीजीएसटी अधिकारियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था। रुपये के लिए इतने कॉल आ रहे थे कि वो और उनका पूरा परिवार डिप्रेशन में आ रहा था। हालात यह हो गए कि कई बार आत्महत्या करने तक का सोच लिया। जैसे-तैसे खुद को संभाला और बाजार से कर्ज लेकर रिश्वत के 25 लाख रुपये दिए। इसके बाद भी कांबले ने परेशान करना जारी रखा। ये लोग इतने होशियार थे कि हर बार वॉट्सएप कॉल कर रिश्वत के रुपये मांगते थे।

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