भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते चार दिन से लगातार हो रही बारिश से ग्वालियर-चम्बल संभाग में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बुधवार को हवाई दौरा कर ग्वालियर एवं चंबल संभाग (Gwalior and Chambal division by air tour) में बाढ़ से प्रभावित चार दर्जन से अधिक गांवों का जायजा लिया। इसके बाद ग्वालियर विमानतल पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि पानी घटते ही जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करें, जिससे प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके। उन्होंने अति वृष्टि एवं बाढ़ से अधोसंरचना को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि यदि राहत और बचाव कार्यों के लिए किसी मदद की जरूरत हो तो बताएं, सरकार द्वारा इसकी पूर्ति की जायेगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को ग्वालियर एवं चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लेने के लिए राजकीय विमान से राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल पहुंचे। यहां से उन्होंने हेलीकॉप्टर से ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और श्योपुर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया।
सप्लाई चेन को जल्द से जल्द सुदृढ़ करने पर दिया जोर
बाढ़ प्रभावित गांवों का हवाई दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने ग्वालियर विमानतल पर ग्वालियर-चंबल संभाग आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों से जारी अत्यधिक बारिश और बाढ़ से प्रभावित सप्लाई चेन को जल्द से जल्द सुदृढ़ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हमारी सप्लाई चेन इतनी मजबूत हो, जिससे लोगों को खाद्यान्न, पीने का साफ पानी और बिजली की आपूर्ति में कोई दिक्कत न आये। साथ ही सड़क आवागमन भी सुचारू बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित सभी गांवों में अभियान और लोगों की स्वास्थ्य जांच कराएं और दवाइयों का भरपूर इंतजाम करें।
खतरा अभी टला नहीं, इसलिए विशेष सतर्कता बरतें
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिंध, पार्वती एवं कूनों नदी का जल स्तर घटा है। फिर भी जल भराव एवं बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों को फिर से निचले क्षेत्र में न जाने दें। साथ ही जिन घरों के आस-पास पिछले दिनों से पानी भरा है उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि राहत कैम्पों में अस्थायी रूप से जिन लोगों का पुनर्वास किया गया है वहां पर भोजन-पानी और आवास इत्यादि की बेहतर से बेहतर व्यवस्था रहे।
प्रभावित लोगों को राहत देने के साथ क्षतिग्रस्त अधोसंरचना भी दुरूस्त की जाएगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारी बारिश से आई इस संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। सरकार क्षति का आंकलन मिलते ही प्रभावित लोगों को राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6 – 4) के तहत राहत देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही नदियों में आई बाढ़ एवं भारी बारिश से क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों एवं अन्य अधोसंरचना को दुरूस्त करने में भी सरकार धन की कमी नहीं आने देगी।
चंबल में बढ़ रहा है पानी, भिंड और मुरैना जिले में विशेष सतर्कता बरतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबल नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से भी जल स्तर और बढ़ेगा। भिंड और मुरैना जिले के लिए यह चिंता का विषय है इसलिए संभावित बाढ़ प्रभावित वाले गांवों के लोगों को सतर्क कर दें। साथ ही इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गांवों को खाली कराने का काम भी जारी रखें।
सुखद बात है, हम लोगों को बचाने में सफल रहे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सुखद है कि ग्वालियर और चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित गांवों में चारों ओर पानी से घिरे लगभग 4 हजार लोगों को बचाने में हम सफल रहे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग के कुल 218 बाढ़ प्रभावित गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन पूर्णत: सफल रहे। इन गांवों में ग्वालियर संभाग के 150 और चंबल संभाग के 68 गांव शामिल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को संयुक्त रूप से जिला प्रशासन, पुलिस, थल सेना, वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल, एनडीआरइएफ, एसडीआरइएफ, होमगार्ड और एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर की मदद से अंजाम दिया जा रहा है। दोनों संभाग में अब कोई भी ऐसा गांव नहीं है जहां के लोग पानी के बीच फंसे हों। कुल मिलाकर ग्वालियर एवं चंबल संभाग के लगभग 1200 गांव बाढ़ एवं जल भराव से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 218 गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
हवाई दौरे के जरिए बाढ़ प्रभावित गांवों का लिया जायजा
मुख्यमंत्री चौहान ने हेलीकॉप्टर के जरिए किए गए हवाई दौरे से ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और श्योपुर जिले के लगभग चार दर्जन गांवों का जायजा लिया। इनमें सिलपरी, हर्रई, बड़खड़ी, नरवर, मगरौनी, बैराड़, ज्वालापुर, मेवाड़ा, बहरावदा, ठेवला, गाजीगढ़, ककरूआ, धोबिनी, देवपुर, अहिल्यापुर, बरोद, बरखेड़ा, नरैया खेड़ी, सिलपुरा, बुधोनी, बघोदा, हुसैनपुर, जौराई, आनंदपुर, जरियाकलाँ, बामनपुर, मादीखेड़ा, गोरा, मोहारा, कोलारस, पनवाड़ी, देहरदा, डागोर इत्यादि ग्राम शामिल हैं। (एजेंसी, हि.स.)