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MP: दिग्विजय सिंह ने फिर उठाया EVM हैकिंग का मुद्दा, कहा- 40% वोटों में हो सकता है हेरफेर

भोपाल। डेढ़ महीने पहले मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुजरात से आए अतुल पटेल के साथ ईवीएम को हैक कर दिखाया। बचते-बचाते यह दावा भी कर दिया कि ईवीएम हैकिंग से 30 से 40 प्रतिशत वोटों में हेरफेर हो सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस दौरान उन्होंने गुजरात से आए अतुल पटेल के साथ ईवीएम का डेमो दिया। इस दौरान डेमो मशीन से वीवीपीएटी या वीवीपैट रसीद पर वोट बदलने का प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि ईवीएम के सॉफ्टवेयर से वोटों को बदला जा सकता है। उन्होंने बचते-बचाते कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि ईवीएम में वोटों का हेरफेर हो रहा है लेकिन यह कह रहा हूं कि हेरफेर हो सकता है। 30 से 40 प्रतिशत वोटों में हेरफेर किया जा सकता है। उन्होंने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

निर्वाचन आयोग से पूछे सवाल
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2003 से लेकर आज तक निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के सॉफ्टवेयर को पब्लिक डॉमिन में क्यों नहीं डाला है? मशीन के पार्ट्स अलग-अलग जगह से आते हैं। पहले इसमें लगने वाला चिप सिंगल प्रोग्रामेबल था, जिसे अब मल्टीपल प्रोग्रामेबल चिप में तब्दील कर दिया है। ऐसा क्यों? चुनाव आयोग इन सवालों का जवाब नहीं दे रहा है। सॉफ्टवेयर कौन डाल रहा है? इसका कोई जवाब नही है। इससे तो ऐसा लग रहा है कि मतदाात नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने वाला तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी। कौन-सी मशीन किस बूथ पर जाएगी, यह रिटर्निंग ऑफिसर तय नहीं करता। यह भी कंप्यूटर तय करता है। भाजपा को जनता का नहीं मशीन का वोट मिल रहा है। ईवीएम से इतना प्रेम है तो हमें ईवीएम से निकलने वाली वीवीपैट (VVPAT) पर्ची हाथ में दे दीजिए। हम उसे डिब्बे में डालेंगे। हमारी मांग संवैधानिक है। न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वह हमारी संवैधानिक मांगों का संरक्षण करें।


भाजपा पहले ही जीत की स्क्रिप्ट लिख देती है
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले ही भाजपा माहौल बनाती है। इसके जरिये नैरेटिव सेट किया जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा को लेकर वोट देने की मांग की। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले मामा (शिवराज सिंह चौहान) ने लाड़ली बहना योजना को वोट देने की बात कही और माहौल बनाया। मेरा आरोप है कि चुनाव आयोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के दबाव में काम कर रहा है। आयोग को मेरे खिलाफ जो कार्रवाई करना है कर लें। जब मोदी जी कोई बयान दें तो उन पर आयोग कोई करवाई नहीं करता है।

भाजपा ने ठुकराए दिग्विजय सिंह के आरोप
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने दिग्विजय सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब से लक्ष्मण सिंह बुरी तरीके से चुनाव हारे और जयवर्धन सिंह चुनाव जीते हैं, तब से लक्ष्मण सिंह का मूड खराब है। वे लगातार राहुल गांधी , दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं। इसी नाराजगी को दूर करने के लिए दिग्विजय सिंह जी ने ईवीएम पर निशाना साधा है। बस वे इस बात का जवाब दे दें कि जब ईवीएम में गड़बड़ी है तो जयवर्धन सिंह का, छिन्दवाड़ा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना का चुनाव कांग्रेस कैसे जीती? एमपी में कांग्रेस के 66 विधायक चुनाव कैसे जीते? ईवीएम पर आरोप लगाकर दिग्विजय सिंह कर्नाटक, हिमाचल, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के 66 कांग्रेस विधायकों की जीत पर खुद प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। विजयी कांग्रेसी विधायकों का मजाक उड़ा रहे हैं। दिग्विजय सिंह जी यह भी बताएं कि उनके साथ इस मुद्दे पर कांग्रेस क्यों खड़ी नहीं है?

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