सिवनी। विशेष न्यायाधीश (पॉस्को) सुमन उइके की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म (Rape) और हत्या (Murder) के जघन्य सनसनी खेज मामले में दरन्दगी करने वाले आरोपित को पांच बार के आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा से दंडित करने का फैसला सुनाया है।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम ने बताया कि पीड़ित की पहचान गोपनीय रखने का नियम है। इसी आधार पर आरोपित नाबालिग पीड़ित (Juvenile victim) युवती का रिश्तदार होने के कारण दोनों के नाम, पता एवं अन्य जानकारी प्रकट नहीं किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में थाना बंडोल अंतर्गत एक ग्राम के निवासी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराया कि वह और उसकी पत्नी बाहर मजदूरी करने गए थे, जब अपने ग्राम आये तो पता चला कि उसकी नाबालिक बेटी को उसी के शादीशुदा रिश्तेदार के द्वारा बहला फुसलाकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया, जिससे नाबालिक गर्भवती हो गई और सातवें महीने में अपने घर में ही डिलीवरी कराया, जिससे एक शिशु का जन्म हुआ और दुष्कर्म को छिपाने के लिए नवजात शिशु की हत्या कर उसे दफना दिया। जिस पर बंडोल पुलिस ने दुष्कर्म और नवजात शिशु की हत्या का मामला दर्ज कर तत्कालीन थाना प्रभारी उपनिरीक्षक आरपी गायधने द्वारा अनुसंधान किया गया। जिसमें कार्यपालक मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर नायब तहसीलदार की उपस्थिति में नवजात शिशु के शव को कब्र से निकलवाकर डीएनए करवाया एवं बयान लिए और अन्य कार्यवाही पूर्ण कर कर आरोपित रिश्तेदार के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया था।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (POCSO) सुमन उइके की न्यायालय बुधवार को हुई, जिसमें अभियोजन के तर्कों के आधार पर आरोपित कोे दोषी पाते हुए धारा 363 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रुपये का अर्थदंड, 366 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, 376 (2)(एफ) में आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, 376(2)(एन) में आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, 201 भादवि मे 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, धारा 5(जे)(2) सहपठित धारा 6 पॉस्को एक्ट में आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड, धारा 5(एल) बहुपठित धारा 6 पॉस्को एक्ट में आजीवन कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड से दंडित करने निर्णय सुनाया गया।
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