भोपाल। गुना से बीजेपी सांसद केपी यादव (BJP MP KP Yadav) और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) के बीच चल रही सियासी तकरार में नया मोड़ (New twist in political dispute) आ गया है। यह नया मोड़ कुछ ऐसा है कि अब दांव खुद सांसद केपी यादव पर उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद सिंधिया और उनके समर्थकों के खिलाफ बीजेपी शिकायत करने वाले केपी यादव के खिलाफ भी एक शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) से हो गई है।
गुना जिले के बीजेपी के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रेम नारायण वर्मा ने केपी यादव पर दबंगई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से की है। प्रेम नारायण ने शनिवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचकर आरोप लगाया कि सांसद केपी यादव के इशारे पर उनके साथ मारपीट हुई और फसल हड़पी गई।
केपी यादव ने की थी शिकायत
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केपी यादव ने एक चिट्ठी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखी थी. इस चिट्ठी में बीजेपी के सांसद केपी यादव ने यह आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों की वजह से उनके संसदीय क्षेत्र गुना में उन्हें मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा। सांसद यादव ने चिट्ठी में सिंधिया समर्थक मंत्रियों को कटघरे में खड़ा किया था। हालांकि, बाद में इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया की सफाई भी आई और उन्होंने कहा कि हम एक ही परिवार के सदस्य हैं और मिलजुल कर काम करेंगे. लेकिन, अब केपी यादव के खिलाफ हुई शिकायत ने मामले ने दिलचस्प मोड़ ले लिया है।
इतिहास जानना है जरूरी
बीजेपी सांसद केपी यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सामने आई इस सियासी तकरार के मायने इसलिए भी हैं क्योंकि केपी यादव एक जमाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे. लेकिन, 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी ने केपी यादव को ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मैदान में उतार दिया था. दिलचस्प यह रहा कि केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव में शिकस्त दे दी. हालांकि, बाद में बदले सियासी घटनाक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बीजेपी में शामिल हो गए और गुना संसदीय क्षेत्र को लेकर तकरार सामने आने लगी।