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मप्रः ग्रेडिंग के आधार पर प्रदेश की पंचायतें होंगी पुरस्कृत : सीएम शिवराज

-मुख्यमंत्री ने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा, कहा- पंचायतों की विकास योजनाओं पर कार्य कर बनाएंगे “स्मार्ट विलेज”

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश की पंचायतों के कार्य की ग्रेडिंग (Grading of work of Panchayats) की जाएगी तथा जो पंचायतें अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। हर पंचायत की विकास योजना बनाई गई है, उस पर अमल कर ‘स्मार्ट विलेज’ बनाये जाएंगे।


मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभाग द्वारा गाँव-गाँव में कचरा संग्रहण एवं परिवहन के लिये बनाये गये ‘मोबाइल एप’ का लोकार्पण भी किया। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, सीईओ मध्यप्रदेश डे राज्य आजीविका मिशन एलएम बेलवाल तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा 127 “दीदी कैफे” संचालित किये जा रहे हैं। ये स्वल्पाहार केन्द्रों के रूप में सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। आने वाले समय में वल्लभ भवन, विंध्याचल, सतपुड़ा आदि स्थानों पर भी “दीदी कैफे” खोले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक कचरा निपटान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहा है। गाँव-गाँव से प्लास्टिक कचरा संग्रहण की व्यवस्था की गई है, जहाँ से प्लास्टिक कचरा संग्रहण केन्द्रों तक पहुँचेगा और वहीं से इसकी बिक्री होगी। प्रदेश में 28 प्लास्टिक संग्रहण केन्द्र खोले जा रहे हैं, जिनका संचालन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जायेगा। प्रदेश में लगभग 9 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 42 हजार से अधिक पुरानी जल-संरचनाओं के पुनउर्द्वार का कार्य प्रारंभ किया गया है। यह कार्य मनरेगा एवं अन्य योजनाओं से कराया जा रहा है। इससे बड़े क्षेत्र में सिंचाई, मछली-पालन, सिंघाड़ा उत्पादन आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समुदाय आधारित ग्रामीण पर्यटन में “होम-स्टे” योजना सफलता से संचालित की जा रही है। योजना के प्रति पर्यटकों में अच्छा उत्साह दिख रहा है। निवाड़ी जिले के लदपुरा ग्राम तथा पन्ना जिले के मदला ग्रामों में ‘होम-स्टे’ में बड़ी संख्या में पर्यटक रुक रहे हैं। योजना की सफलता के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी संबंधितों को बधाई दी गई।

उन्होंने कहा कि हर गाँव के इतिहास, गौरव, पहचान, संस्कृति, महापुरुषों आदि को पुन: स्थापित करने के लिये सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक गाँव में हर वर्ष “ग्राम स्थापना दिवस” मनाया जायेगा। उन्होंने आगामी अप्रैल माह से इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिये।

हमारे उत्पाद “जैम” और “अमेजन” पर बिकें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों एवं अन्य द्वारा तैयार किये गये उत्पाद जैम पोर्टल एवं अमेजन जैसे मार्केटिंग प्लेटफार्म पर बिकें, इसके लिये सघन प्रयास किये जाएं।

समूहों को ऋण स्वीकृति में प्रदेश देश में प्रथम
उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को ऑनलाइन माध्यम से ऋण प्रकरण प्रस्तुत करने तथा ऋण स्वीकृति में मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा है। वर्ष 2021-22 में एक लाख 40 हजार 576 ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये। स्वीकृत प्रकरणों में ऋण वितरण की त्वरित कार्यवाही के लिये मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये।

हर गाँव में हो ग्राम संगठन
उन्होंने निर्देश दिये कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में हर गाँव में ग्राम संगठन बनें। वर्तमान में प्रदेश में 32 हजार 874 ग्राम संगठन हैं। उन्होंने सभी 45 हजार गाँवों में ग्राम संगठन बनाने के निर्देश दिये।

74 प्रतिशत प्रधानमंत्री आवास पूर्ण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक सभी को आवास दिये जाने का लक्ष्य है। योजना में प्रदेश को 30 लाख 39 हजार आवास का लक्ष्य मिला है, जिसके विरुद्ध प्रदेश में 29 लाख 78 हजार (97.3 प्रतिशत) आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 22 लाख 65 हजार (74 प्रतिशत) आवास पूर्ण किये जा चुके हैं। प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को शासन की 36 प्रकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इनमें राशन प्रदाय, नल-बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि योजनाएँ शामिल हैं।

सभी गाँवों को ‘ओडीएफ-प्लस’ बनाना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के सभी गाँवों को ‘ओडीएफ-प्लस’ बनाना है। इसमें सभी घरों में शौचालय, 80 प्रतिशत घरों में कम्पोस्ट पिट, 80 प्रतिशत घरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा सभी ग्रामों में प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण एवं पृथकीकरण कार्य किये जाने हैं। प्रदेश के 1154 गाँव को अभी तक ‘ओडीएफ-प्लस’ बनाया जा चुका है। उन्होंने निर्देश दिये कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये कि नये बनने वाले घर बिना शौचालय के न हो।

ग्राम सड़क निर्माण में प्रदेश देश में प्रथम
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन एवं गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण में मध्यप्रदेश देश में शीर्ष पर है। योजना से प्रदेश की 17 हजार 541 बसाहटों को जोड़ा जाना था, जिसके विरुद्ध 17 हजार 506 (99.80 प्रतिशत) बसाहटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश के 250 एवं इससे अधिक जनसंख्या के जनजातीय ग्राम तथा 500 एवं अधिक जनसंख्या के अन्य सभी ग्राम प्रधानमंत्री सड़क से जुड़ गये हैं।

मनरेगा के भुगतान में न हो विलंब
चौहान ने निर्देश दिये कि मनरेगा में कराये गये कार्यों के भुगतान में विलंब नहीं होना चाहिये। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बातचीत कर लंबित भुगतान के लिये बजट की माँग की। केन्द्रीय मंत्री ने अश्वस्त कराया कि शीघ्र ही बजट दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना, पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन, सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, देवारण्य योजना के संचालन, पोषण-आहार संयंत्रों के हस्तांतरण आदि के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिये। (एजेंसी, हि.स.)

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