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NCC को सामान्य वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शुरू करने का MP से हुआ आरंभ 

भोपाल। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (Barkatullah University National Policy on Education ) 2020 के अनुरूप एनसीसी (NCC) पाठ्यक्रम को शामिल करने जा रहा है, जिसमें छात्रों को स्नातक में अपनी पसंद का एक अतिरिक्त विषय चुनने का विकल्प मिलता है जिसे वैकल्पिक विषय के रूप में जाना जाता है। वर्तमान पहल को डीजीएनसीसी (DGNCC) ने प्रस्तुत किया है और यूजीसी और एआईसीटीई ने भी इसका समर्थन किया है।
इस संबंध में मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर जे राव, एनसीसी भोपाल के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर संजय घोष और 4 एमपी बीएन एनसीसी भोपाल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल प्रशांत कुमार के बीच एक बैठक हुई।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत लिया गया निर्णय 
देश के युवाओं को आकार देने में एनसीसी के महत्व को पहचानते हुए बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत एनसीसी को एक सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के संरक्षण में सभी महाविद्यालयों के स्नातक छात्रों को पाठ्यक्रम से अत्यधिक लाभ होगा।
एनसीसी पाठ्यक्रम क्रेडिट प्रणाली के आधार पर हुआ डिजायन 
बतादें कि युवा विकास में एनसीसी की क्षमता की पूरी क्षमता का उपयोग करने के उद्देश्य से, एनसीसी ने पाठ्यक्रम डिजाइन विकसित किया है जो एक समान और सार्वभौमिक रूप से लागू करने योग्य है और विकल्प आधारित क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर यूजीसी की नीति के अनुरूप है। एनसीसी पाठ्यक्रम को एनईपी 2020 की पसंद आधारित क्रेडिट प्रणाली के अनुसार डिजाइन किया गया है, जो छह सेमेस्टर को कवर करते हुए 24 क्रेडिट पॉइंट प्रदान करता है, जिसमें से एक छात्र पहले दो सेमेस्टर को कवर करते हुए चार क्रेडिट पॉइंट और तीसरे और चौथे सेमेस्टर में दस क्रेडिट पॉइंट और दस क्रेडिट प्राप्त कर सकता है। 
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)  ने कहा कि यह पाठ्यक्रम विभिन्न छात्रों को कैडेट के रूप में सक्षम करेगा ताकि विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत एनसीसी कैडेटों को रोजगार प्रोत्साहन और लाभ मिल सके।
पाठ्यक्रम को पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में प्रत्येक सिद्धांत, व्यावहारिक और शिविर वाले छह सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा। छात्रों को दो कैम्पिंग गतिविधियाँ करनी होंगी। पहला कैंप तीसरे के साथ मर्ज किया जाएगा और दूसरा कैंपिंग एक्टिविटी को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोर्स के पांचवें सेमेस्टर में मर्ज किया जाएगा।
युवाओं में आपदाओं से निपटने की विकसित होगी क्षमता 
आपदा प्रबंधन, सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास, सैन्य इतिहास, शारीरिक प्रशिक्षण सहित शिविर प्रशिक्षण विषयों के भाग के रूप में पढ़ाया जाएगा। छात्र अभ्यास, राष्ट्रीय एकीकरण, हथियार प्रशिक्षण, बाधा प्रशिक्षण, सैन्य इतिहास, मानचित्र पढ़ना, फील्डक्राफ्ट, और युद्ध शिल्प अन्य विषयों के बीच समग्र पाठ्यक्रम के भाग के रूप में सीखेंगे।
यूजीसी द्वारा सूचीबद्ध पाठ्यक्रम के अध्ययन परिणामों में शामिल हैं, “छोटी टीमों और समूहों के सदस्यों या नेताओं के रूप में कार्य करने के अलावा समस्या-समाधान और महत्वपूर्ण सोच कौशल को लागू करके वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने की सीमित क्षमता विकसित करना।”
आने वाले दिनों में अन्‍य विश्‍वविद्यालय भी आएंगे आगे
अब कहना होगा कि एनसीसी कैडेट निश्चित रूप से वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में पाठ्येतर गतिविधि से पाठ्येतर गतिविधि में जाने के इस अवसर का लाभ उठाएंगे। इसके साथ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कैडेट अब क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं जो उन्हें एनसीसी बी और सी सर्टिफिकेट के साथ अपने संबंधित क्षेत्रों में डिग्री हासिल करने में सक्षम करेगा। 
मेजर जनरल संजय शर्मा, एडीजी एनसीसी निदेशालय एमपी एंड सीजी ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के वीसी के प्रति आभार व्यक्त किया है और एमपी और सीजी के अन्य विश्वविद्यालयों से इसी तरह की प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 

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