भोपाल। नए साल को लोग एक जश्न (Celebrate) के तौर पर मनाते हैं। ये एक साल को अलविदा कह कर दूसरे साल को वेलकम करने का मौक़ा होता है। पूरी दुनिया (whole world) में नया साल बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन नए साल के जश्न पर सियासत भी तेज हो गई है। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने नयू ईयर सेलिब्रेशन का विरोध करते हुए हिंदू संस्कृति के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र (conspiracy) बताया हैं। वीएचपी ने कहा कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन धर्मांतरण (conversion) का पुराना तरीका है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख जितेंद्र चौहान ने कहा कि भारतीय हिंदू नववर्ष चैत्र वर्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। प्रकृति बदलने का दिन, प्रकृति का परिवर्तन और हमारे बहुत सारे महापुरुषों का जन्म दिन भी उसी दिन होता है। ब्रह्मा जी की सृष्टि का प्रथम दिन भी वही है। इसलिए हम सभी भारतीय हिंदू चेत्र नववर्ष को ही मनाते हैं। आने वाला वर्ष 2023 सिर्फ कैलेंडर बदलने का ही दिन है। ना की नववर्ष के रूप में मनाने का दिन। इसलिए मेरा सभी से आह्वान है कि हमारा नववर्ष हिंदू नववर्ष चेत्र प्रतिपदा के दिन से प्रारंभ होता है। उसी दिन मनाएं। कैलेंडर बदलने वाली रात्रि को जो फूहड़ता, नग्नता और नशे की हालात में हमारे युवा जिस तरह जा रहे हैं, वह बहुत दयनीय है।
चौहान ने कहा कि हमें युवाओं को उस तरफ जाने से रोकना होगा। इसलिए मेरा सभी शासन-प्रशासन से आग्रह है कि ऐसे आयोजनों पर कड़ी नजर रखी जाए और ऐसे सभी आयोजनों पर जहां पर नशा परोसा जा रहा रोका जाएं। उन्होंने कहा कि यह भी एक प्रश्न का विषय है कि जब हिंदू पर्व दीपावली पर पटाखे फोड़े जाते हैं तो प्रदूषण होता है। लेकिन जब 31 की रात को पूरी दुनिया में पटाखे फोड़े जाएंगे तो कोई प्रदूषण नहीं होगा।
चौहान ने कहा कि ऐसे आयोजन हिंदू सनातनी संस्कृति सभ्यता के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र है। हिंदुओं को पश्चिमी सभ्यता में धकेलने की कोशिश है। न्यू ईयर सेलिब्रेशन भी धर्मांतरण का पुराना तरीका है। क्रिसमस से लगातार 1 सप्ताह तक ईसाई मिशनरी धर्मांतरण के लिए आयोजन करते हैं। यह वर्षों से हिंदू परंपरा तोड़ने किया रहा प्रयास है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि पश्चिमी सभ्यता और मिशनरी साजिश का हिस्सा ना बने।
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